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भागलपुर आईजी रेंज की मुंगेर पुलिस ने बरदह गांव के नजदीक एक कुएं में छुपा कर रखी गई बारह एके 47 राइफलें बरामद की हैं। इससे पहले भी मुंगेर पुलिस ने छह और जमीन में गाड़ कर रखी गई दो एके 47 रायफल
बरामद करने में कामयाबी हासिल की थी। इसके अलावा एक रायफल और 2 दोनली रायफलों को भी बरामद किया था। इस तरह बीते एक महीने में मुंगेर पुलिस ने 20 एके 47 राइफलें बरामद की हैं। बड़े हथियारों की
बरामदगी से एक दफा फिर पुख्ता हो गया कि केंद्रीय आयुद डिपो (सीओडी) मध्यप्रदेश के जबलपुर से बिहार के मुंगेर तक तस्करों के तार जुड़े है। मुंगेर के एसपी बाबूराम ने शुक्रवार दोपहर बाद पत्रकारों को
बताया कि 12 एके 47 की बरामदगी तौफिर आलम की निशानदेही पर मिली। उसे झारखंड के हजारीबाद से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने पूछताछ के दौरान कबूला था। गुरुवार रात भर उसके बताए ठिकाने पर छापेमारी
एएसपी हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में की गई। इससे पहले 14 सितंबर को अमाना खातून के घर की जमीन के अंदर से दो एके 47 पुलिस ने बरामद की थी, जिसे पुलिस ने जमीन खोदकर निकाली। इस सिलसिले में अमाना
खातून समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें एजाजुल रहमान , रिजवान उर्फ भुट्टो, सादा रिफत , अजमेरी बेगम, रमजू और मोसिर आलम है। पुलिस इनसे गहन पूछताछ कर रही है। बता दें कि मुंगेर में एके 47
रायफल बरामद का सिलसिला 29 अगस्त से शुरू हुआ था, जो कि अब तक जारी है। उस रोज जमालपुर जुबली कुंए के मोहम्मद इमरान आलम को तीन एके 47 राइफलों और तीस मैगजीन व हथियारों के दूसरे कलपुर्जों के साथ
दबोचा गया था। इसी ने जबलपुर आयुध डिपो के रिटायर आर्मर पुरुषोत्तम लाल रजक के मार्फ़त तस्करी कर हथियार आपूर्ति की बात पुलिस के सामने कबूली थी। इस जानकारी को जबलपुर पुलिस से साझा करने पर
पुरुषोत्तम लाल को गिरफ्तार किया गया। और इसकी निशानदेही पर जबलपुर आयुध डिपो के स्टोरकीपर सुरेश ठाकुर को हिरासत में लिया गया। सुरेश ही पुरुषोत्तम को खराब हुई एके 47 को देता था। और पुरुषोत्तम
लाल इनको सुधार कर तस्करों के हाथ 4 से 5 लाख रुपए में बेच देता था। तस्कर इसे 20 लाख रुपए में बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहे थे। पुरुषोत्तम ने पुलिस के सामने कबूला कि 2012 से अबतक 70 एके 47 राइफलें
बेच चुका है। पुरुषोत्तम से पूछताछ के बाद ही छह सितंबर को बरदह ग़ांव के शमशेर को गिरफ्तार कर इसके पास से तीन एके 47 बरामद की। इससे मुंगेर पुलिस ने चार दिन की रिमांड ले गहन पूछताछ की। इसके बाद
इसके बड़े भाई नियाबुल को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी बागडोगरा सेना के हथियार डिपो (एफएडी) से गिरफ्तार किया। यह यहां सेना से रिटायर होने के बाद बतौर कांट्रेक्ट गार्ड कार्यरत है। नियाबुल ने ही
अपने भाई शमशेर को पुरुषोत्तम से मिलवाया था। अलबत्ता मुंगेर और जबलपुर पुलिस ने सूचनाएं साझा कर 70 एके 47 में से बीस तो बरामद करने में सफलता पा ली है। मगर अभी भी करीब 50 एके 47 राइफलें बरामद
करने की चुनौती सामने खड़ी है। पुरुषोत्तम लाल ने ही पूछताछ में कबूला है कि अबतक वह 70 एके 47 रायफल सुधारकर तस्करों के हाथों बेच चुका है।