21 सेंटर पर 17 हजार कैंडिडेट्स देंगे एग्जाम

21 सेंटर पर 17 हजार कैंडिडेट्स देंगे एग्जाम

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-डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल डॉ। एमके सिन्हा बने को-ऑर्डिनेटर


-कैंडिडेट्स को अपने साथ वोटर आई कार्ड या आधार या ड्राइविंग लाइसेंस व अपना फोटो लाना है


-कैंडिडेट्स की सुविधा को लेकर हर रूम में दीवार घड़ी लगी रहेगी


RANCHI: सीबीएसई नेट की परीक्षा ख्7 जनवरी को होने वाली है। इसके लिए राजधानी रांची में करीब क्7 हजार कैंडिडेट्स जुटेंगे। इनके लिए जिले में कुल ख्क् एग्जामिनेशन सेंटर बनाए गए हैं। वहीं, रांची


में एग्जाम के सफल संचालन को लेकर डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल डॉ। एमके सिन्हा को को-आर्डिनेटर बनाया गया है। इसके साथ ही सीबीएसई की ओर से पांच पर्ववेक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। इनमें गुरु


घासीदास यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़, पटना व एनआईटी जमशेदपुर के पर्यवेक्षक शामिल हैं।


रांची में टोटल ख्क् एग्जामिनेशन सेंटर बनाए गए हैं। इसमें डीपीएस, जेवीएम श्यामली, डीएवी कपिलदेव, डीएवी हेहल, डीएवी बरियातू, डीएवी गांधीनगर, सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल, आर्मी स्कूल, सरस्वती


शिशु मंदिर, गुरुनानक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय हिनू, केंद्रीय विद्यालय तिरिल धुर्वा, केंद्रीय विद्यालय दीपाटोली, रांची कॉलेज, डोरंडा कॉलेज, टेंडर हर्ट, कैंब्रियन पब्लिक स्कूल कांके,


ब्रिजफोर्ड स्कूल, लोयोला कान्वेंट, केरलि स्कूल, विवेकानंद स्कूल धूर्वा शामिल हैं।


इस बार नेट एग्जाम में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स को हाई चेकिंग से गुजरना होगा। मेडिकल की तर्ज पर ही नेट एग्जाम का भी आयोजन हो रहा। परीक्षार्थियों को अपने साथ बॉलपेन या पेंसिल ले जाने की


इजाजत नहीं है। ब्लैक बॉल पेन व पेंसिल सेंटर पर ही सभी कैंडिडेट को प्रोवाइड कराया जाएगा। इसके अलावा कैंडिडेट को हाथ घड़ी, मोबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस, कैलकुलेटर, फोन, पेजर, लॉग टेबल, बुक्स,


नोट बुक आदि ले जाने की इजाजत नहीं है। वहीं, परीक्षा के दौरान किसी से बातचीत करने या किसी को डिस्टर्ब करने पर परीक्षाफल रोक दिया जाएगा। कैंडिडेट्स की सुविधा को लेकर हर रूम में दीवार घड़ी


लगाने का निर्देश है। परीक्षा देने वालों को अपने साथ वोटर आई कार्ड या आधार या ड्राइविंग लाइसेंस और अपना फोटो लेकर आना है।


अब एग्जाम तो देने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन जो चेकिंग का हाल है उसे देखकर समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों किया जा रहा है। ये पूरी तरह से गलत है।


एग्जाम की तैयारी तो बेहतर है, लेकिन सबसे अधिक टेंशन है कि अंदर इंट्री करने में क्या-क्या रखवा लिया जाएगा। अब कल जाने पर ही पता चलेगा।


पहले की तुलना में आब्जेक्टिव होने के कारण नेट एग्जाम में समय कम लग रहा है। इसलिए तैयारी है। अब एग्जाम देने के बाद ही पता चलेगा कि तैयारी कैसी थी।


इसे मेडिकल एग्जाम की तरह नहीं लेना चाहिए। इतनी चेकिंग जैसे एग्जाम नहीं कुछ और हो रहा है। सबसे अधिक समस्या तो ग‌र्ल्स स्टूडेंट को होगी। इसके बारे में तो कम से कम सीबीएसई को सोचना ही चाहिए।