मुंबई सामूहिक दुष्कर्म के पांचों आरोपी गिरफ्त में

मुंबई सामूहिक दुष्कर्म के पांचों आरोपी गिरफ्त में

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भागने वाला था बांग्लादेश पूछताछ में सलीम ने बताया कि वह बांग्लादेश भागने वाला था. इसके लिए रुपये का इंतजाम करने वह रिश्तेदार के यहां जा रहा था. पुलिस के अनुसार वह मूल रूप से बांग्लादेश का ही


रहने वाला है और मामले का मास्टरमाइंड है. आरोपी को भारत नगर जेजे कॉलोनी बस स्टैंड पर दबोचा गया था. चौथे आरोपी कासिम बंगाली को मुंबई पुलिस शनिवार देर रात मायानगरी से ही गिरफ्तार कर चुकी थी.


महिला फोटो पत्रकार के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले पांच आरोपियों में कासिम सबसे उम्रदराज है. उसे ही गैंग का सरगना माना जा रहा है. जांच मुंबई पुलिस की क्राईम ब्रांच के पास कासिम से पहले


शनिवार शाम को सिराज रहमान और शनिवार तडक़े तीन बजे विजय जाधव को भी दबोचा जा चुका था. कासिम और सिराज रविवार को भोईवाड़ा की अवकाश अदालत में पेश किया गया. उन्हें 30 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज


दिया गया है. गुरुवार शाम बंद पड़ी एक मिल के खंडहर में हुए इस सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा कर रही है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस पांचों आरोपियों की हिरासत खत्म होने


के बाद सात दिन में आरोपपत्र पेश करना चाहती है, ताकि त्वरित अदालत जल्द मामले में फैसला सुना सके. कानून के बाद पहला बड़ा मामला इसी वर्ष अप्रैल में बने दुष्कर्म निरोधक कानून आपराधिक कानून


(संशोधन), 2013 के बाद सामूहिक दुष्कर्म का यह पहला बड़ा मामला मुंबई पुलिस के हाथ लगा है, जिसमें दोषियों को कम से कम 20 वर्ष के कठोर कारावास या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. मुंबई पुलिस इस


मामले में आरोपियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दिलवाकर मिसाल पेश करना चाहती है. साथ ही मुंबई में पहली बार सरेशाम हुई इस घटना से राज्य की संप्रग सरकार की साख पर लगे धब्बे को भी धोना चाहती है.


पीडि़त के लिए निकम करेंगे मुकदमे की पैरवी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने घोषणा की है कि सामूहिक दुष्कर्म कांड के मुकदमे में अभियोजन पक्ष के वकील उज्ज्वल निकम होंगे. निकम इससे


पहले 12 मार्च, 1993 के सिलसिलेवार मुंबई विस्फोट कांड व 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमला मामले में भी अभियोजन पक्ष के वकील रह चुके हैं.