सियासत का फ्लाईओवर आपके किस काम का?

सियासत का फ्लाईओवर आपके किस काम का?

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जनसुविधा को ढाल बनाकर चुनावी दांव चल गई सरकार -आईएसबीटी के फ्लाईओवर के साथ ही तेज हुई दून की सियासत दो दिन में बल्लुपूर का नंबर। DEHRADUN: चुनावी तैयारियों के बीच एक और फ्लाईओवर दून को मिल


गया है। पहले बल्लीवाला, फिर आईएसबीटी और अगला नंबर बल्लुपुर का है। चुनाव आचार संहिता की बेहद नजदीक सुनाई दे रही दस्तक को भांप कर सरकार फीता काटने का कोई मौका नहीं चूकना चाहती। भले ही तैयारी


आधी-अधूरी ही क्यों न हो। पब्लिक को फायदा मिलेगा भी या नहीं। जो मकसद है, वह पूरा होगा भी या नहीं, ये सारे सवाल सेकेंडरी है। सामने सिर्फ सियासत का वो फ्लाईओवर है, जिस पर सरकार सरपट दौड़ना


चाहती है। इन स्थितियों के बीच, विपक्ष भी है, जिसका दिखाने को पब्लिक से मतलब है, लेकिन असल चिंता उबड़ खाबड़ दिख रहे फ्लाईओवर की है। लिहाजा, वार-पलटवार, आरोप-प्रत्यारोप के बीच दून का विकास


डोलता दिख रहा है। विकास की तस्वीर, दो सीटों पर निशाना फ्लाईओवरों के जरिये सरकार दून के विकास की तस्वीर दिखाना चाहती है। ताकि बीजेपी को मुश्किल पेश आए। दून की दो सीटों कैंट और धर्मपुर का गणित


फ्लाईओवरों के जरिये प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। सीएम हरीश रावत फ्लाईओवरों से जुड़ी सियासत को खुद मॉनिटर कर रहे हैं। एक तरफ, कैंट में बीजेपी के गढ़ ढहाने के लिए वहां पर दो-दो


फ्लाईओवर बना दिए गए हैं, वहीं धर्मपुर क्षेत्र के अंतर्गत आईएसबीटी फ्लाईओवर के भी सियासी मायने कम नहीं हैं। इस सीट पर बीजेपी के टिकट के प्रमुख दावेदार मेयर विनोद चमोली है। सरकार विकास के सवाल


पर वोट मांगते हुए बीजेपी को एक्सपोज करना चाहती है, क्योंकि नगर निगम में बीजेपी का ही बोर्ड है। ये फ्लाईओवर किस काम का सियासत से इतर यदि व्यवहारिक तौर पर आईएसबीटी के फ्लाईओवर की बात करें, तो


इससे मिलने वाले फायदे को लेकर शंकाएं सामने खड़ी हैं। दरअसल, आईएसबीटी क्षेत्र में ट्रैफिक की जिस समस्या से पार पाने के लिए ये फ्लाईओवर बनाया गया है, उसके दूर होने के अब भी कोई आसार नजर नहीं


आते। क्योंकि फ्लाईओवर के नीचे आईएसबीटी होने से लोकल ट्रांसपोर्ट विक्रम, सिटी बस का जमावड़ा उसी जगह पर रहेगा, जहां पर अभी तक रहता आया है। रोडवेज की बसें भी आईएसबीटी से संचालित होती हैं, इसलिए


उनका भी फ्लाईओवर से होकर जाने का कोई सीन नहीं है। सिर्फ दिल्ली से दून और दून से दिल्ली जाने वाले प्राइवेट वाहनों के आने-जाने के उपयोग में ही फ्लाईओवर आएगा। ट्रैफिक का दबाव पहले की तरह,


फ्लाईओवर के निचले स्तर पर ही बना रहना तय है। क्या कहते हैं आईएसबीटी के व्यापारी -फ्लाईओवर तो ठीक है, लेकिन हमारे धंधे पर तो असर पड़ा ही है। कुछ और व्यवस्था देखनी पडे़गी। -अजय कुमार,


व्यापारी। -पहले जैसी बात नहीं रही है। पहले आसानी से ग्राहक दुकान पर आ जाते थे, अब दिक्कत आ रही है। -मोहम्मद शादाब अंसारी, व्यापारी। -अभी तक तो फ्लाईओवर बनने के कारण धूल, मिट्टी से परेशान


रहे। अब देखते हैं कि क्या होता है। -फरमान, व्यापारी। -फ्लाईओवर से ट्रैफिक सिस्टम तो सुधरेगा, लेकिन हमारे धंधे पर तो असर पडे़गा ही। -शैलेंद्र कर्णवाल, व्यापारी। भ्0.फ्9 करोड़ की लागत से तैयार


हुआ है आईएसबीटी फ्लाईओवर। 98फ् मीटर लंबाई का यह मल्टी एप्रोच वाला फ्लाईओवर बनाया गया है। 0ब् लेन वाला यह फ्लाईओवर नेशनल हाइवे 7ख् पर बनाया गया है। 0ख् फ्लाईओवर अभी तक राजधानी देहरादून में


शुरू किए जा चुके हैं। वर्जन--- -बीजेपी को बेवजह बदहजमी हो रही है। कुछ कमियां रह गई होंगी, तो काम बंद थोड़े ही कर सकते थे। बीजेपी खुद को आइने में देखे, कि किस तरह से जेएनआरआरयूम से मिले पैसे


से भी वह इस शहर की सूरत नहीं बदल पाई। -हरीश रावत, सीएम, उत्तराखंड। -चुनावी लाभ लेने के लिए सरकार ने लोगों की जान जोखिम में डालने का काम किया है। ये फ्लाईओवर न सिर्फ आधी अधूरी तैयारियों के


साथ बना है, बल्कि इसमें बडे़ पैमाने पर भ्रष्टाचार भी है। -उमेश अग्रवाल, दून अध्यक्ष, बीजेपी।