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एनसीपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिये अजित पवार जालना जा रहे थे. रास्तें में वह औरंगाबाद के सरकारी गेस्ट हाउस में लंच के लिये रुके. पवार ने लंच के लिये पूछा कि डेजर्ट में क्या है?
गेस्ट हाउस के हाउस कीपिंग स्टॉफ ने कहा कुछ नहीं. इसी बात से कार्यकर्ता नाराज हो गये और उन्होंने औरंगाबाद के जिला कलक्टर विकास कुमार से मामले की शिकायत की. जिसके बाद डीएम ऑफिस ने यह नोटिस
जारी कर डेजर्ट में आइसक्रीम न होने का कारण पूछा है. नोटिस मिलने से हैरान दोनों इंजीनियरों का कहना है कि गेस्ट हाउस मे मेनू बनाने का काम लाइजनिंग ऑफिसर का होता है. इसमें हमारी कोई गलती नहीं
है. वहीं मामला तूल पकड़ता देख एनसीपी ने कायर्कर्ताओं की इस हरकत पर हैरत जताते हुये मामले की जांच करवाने की बात कही है.
एनसीपी की इस हरकत के बाद विपक्ष को एक बड़ा मौका मिल गया है. बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने एनसीपी पर निशाना साधते हुये कहा कि,'सरकार की मस्ती उनके मस्तिष्क पर चढ़ गई है. उन्हें अगर खाने में कुछ
नहीं मिला तो वह अधिकारियों को पकड़ रहे हैं. अजित पवार पिछले 15 साल से सत्ता में र्हैं इसलिये उनके दिमाग से इस तरह की मस्ती घूम रही है. हालांकि खुद एनसीपी के कुछ नेता इस घटना को गलत बता रहे
हैं. उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद एनसीपी के पास एक बड़ा मौका है जनता से जुड़ने का लेकिन इस तरह की घटना पार्टी की इमेज खराब करती है.