Play all audios:
BY: INEXTLIVE | Updated Date: Fri, 10 Jan 2014 12:05:04 (IST) बॉर्डर एरिया से आए प्लेयर्स जेएंडके से आई गल्र्स टीम को शिवानी भाऊ और ब्वॉयज टीम को रोहित कैप्टन के रूप में रिप्रजेंट कर रहे
हैं। टीम की प्लेयर दीक्षा ने बताया कि वह जेएंडके में पुंछ की रहने वाली हैं। इसके अलावा टीम में मानसी और प्रबजोत भी वहीं से बिलांग करते हैं। दीक्षा ने बताया कि बॉर्डर एरिया में आए दिन गोली
बारी होती रहती है, जिसका असर उनके खेल पर भी पड़ता है। एक खिलाड़ी और उसके खेल पर माहौल का काफी प्रभाव पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद वह अपने खेल को जारी रखते हैं। जेएंडके में वॉलीबॉल खेल को काफी
पसंद किया जाता है। इसलिए उन्होंने भी इस खेल में फ्यूचर बनाने की ठानी है। इसके अलावा ब्वॉयज टीम में कश्मीर से जुनैद खान भी पहुंचा है। कड़ाके की ठंड है बड़ी प्रॉब्लम जेएंडके में सिर्फ समर
सीजन के दौरान ही गुलमर्ग में गेम्स हो पाते हैं। बाकी 6 महीने बर्फ पड़ी रहती है। ऐसे में प्लेयर्स के लिए बेहतर प्लेयर बनना चैलेंजिंग हो जाता है। क्योंकि उन्हें साल भर में सिर्फ 6 महीने ही
खेलने को मिलता है। विंटर सीजन में वहां तो एक्टिविटी ही नहीं होती हैं, लेकिन अगर कहीं बाहर टीम भेजनी हो तो कश्मीर से प्लेयर्स का आना बहुत मुश्किल हो जाता है। बर्फ व ठंड की वजह से कश्मीर से
बहुत कम ही प्लेयर्स जम्मू में ट्रायल देने पहुंचते हैं। टीम में सिलेक्ट होना था मुश्किल जेएंडके में इंटर डिस्ट्रिक्ट वॉलीबॉल चैंपियनशिप कराने के बाद ट्रायल के लिए प्लेयर्स सिलेक्ट हुए, फिर
फाइनल टीम बनकर यहां नेशनल चैंपियनशिप खेलने पहुंची है। वॉलीबॉल के अलावा जेएंडके में प्रमुख रूप से क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, हैंडबॉल और फैंसिंग गेम खेले जाते हैं। टीम में कई प्लेयर्स बॉर्डर एरिया
से हैं। वहां बेहद तनाव रहता है। मैं स्वयं कानाचक में रहता हूं, लेकिन अब इन सब चीजों का हैबिचुअल हो गया हूं। गवर्नमेंट भी कोई खास सुविधाएं प्लेयर्स को नहीं दे पाती है। इसके बावजूद प्लेयर्स
नेशनल चैंपियनशिप में पहुंच रहे हैं। यह काबिले तारीफ है। -आंचल सिंह, वॉलीबॉल टीम मैनेजर, जेएंडके।