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SC Hearing on UPSC CSE Extra Attempt जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाले बेंच ने मामले की सुनवाई की। केंद्र की सहमति के बाद उन उम्मीदवारों को बहुत बड़ी राहत मिली है जो अक्टूबर 2020 में अपने
अंतिम प्रयास से वंचित रह गए थे। By Rishi SonwalEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2021 03:39 PM (IST) SC HEARING ON UPSC CSE EXTRA ATTEMPT: केंद्र सरकार उन उम्मीदवारों को अतिरिक्त मौका देने के
लिए सहमत हो गई है, जिन्होंने 2020 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए कोविड-19 महामारी के कारण उपस्थित नहीं हो सके थे। सुप्रीम कोर्ट में आज उस याचिका पर सुनवाई की गई, जिसमें उन
उम्मीदवारों द्वारा यूपीएससी परीक्षा में अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग की गई थी। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाले बेंच ने मामले की सुनवाई की। केंद्र की सहमति के बाद, उन उम्मीदवारों को
बहुत बड़ी राहत मिली है, जो अक्टूबर 2020 में अपने अंतिम प्रयास से वंचित रह गए थे। इससे पहले, 1 फरवरी की सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कोर्ट को बताया था कि कोविड-19 महामारी के
कारण वर्ष 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में अपने अंतिम प्रयास से वंचित रहे उम्मीदवारों को केंद्र सरकार अतिरिक्त मौका देने के पक्ष में नहीं है। सॉलिसिटर जनरल ने यूपीएससी द्वारा पूर्व में दी गई
छूट के संबंध में विस्तृत जानकारी कोर्ट को दी। बताया कि वर्ष 1979, 1992 और 2015 में परीक्षा पैटर्न में बदलाव के कारण उम्मीदवारों को छूट दी गई थी। बता दें कि 29 जनवरी की सुनवाई में पीठ ने
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से सवाल किए थे कि सिर्फ इस बार के लिए अतिरिक्त अवसर दिया जाता है तो कितने अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलेगा और यूपीएससी के गठन होने के बाद से अब तक कितनी बार इस
तरह की छूट दी गई है? एस.वी. राजू ने 1 फरवरी की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को बताया कि अतिरिक्त अवसर दिए जाने पर कुल 3308 उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं, पीठ ने कहा कि अधिकतम आयु सीमा
में बदलाव किए बिना एक बार छूट देने से 3300 से अधिक उम्मीदवारों को राहत मिलेगी। यदि केंद्र सलाह को स्वीकार नहीं कर रही है तो वह याचिकर्ताओं के पक्ष को सुनना चाहेगी। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार
मेहता द्वारा एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय मांगे जाने के अनुरोध के बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी थी। ये है पूरा मामलाशीर्ष अदालत में उन
अभ्यर्थियों को यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में एक और मौका देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की जा रही है, जो वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण अपने अंतिम प्रयास से वंचित रह गए
थे। कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें वर्ष 2021 की परीक्षा के लिए अतिरिक्त अवसर देने का अनुरोध किया था। वहीं, केंद्र सरकार इन उम्मीदवारों को अतिरिक्त अवसर देने के
पक्ष में नहीं है। केंद्र का मानना है कि महामारी के कारण 2020 में अंतिम प्रयास से चूक गए उम्मीदवारों को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त अवसर देने की अनुमति संपूर्ण परीक्षा प्रणाली को
प्रभावित करेगी और इसका निगेटिव असर पड़ेगा। कुछ उम्मीदवारों को एक और मौका या आयु सीमा में छूट देना, परीक्षा में भाग ले चुके उम्मीदवारों से भेदभाव करने जैसा होगा।