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जीटी रोड के चौड़ीकरण के लिए काटे गए 11 हजार पेड़ भोगांव-शिकोहाबाद फोरलेन के लिए काटे सात हजार पेड़। By JagranEdited By: Updated: Fri, 04 Dec 2020 06:00 AM (IST) संसू, भोगांव: मथुरा में गोवर्धन
रोड के लिए पेड़ काटने की अनुमति पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तल्ख यूं नहीं थी। कोर्ट का कहना था कि सड़क के लिए पेड़ क्यों काटें? जिले में दो सड़कों के चौड़ीकरण के लिए 18 हजार पेड़ काटे जा चुके
हैं। करीब एक साल होने को है, इनकी भरपाई के लिए एक भी पौधा रोपण नहीं हो सका है। जीटी रोड(हाईवे) का चौड़ीकरण किया जा रहा है। मैनपुरी जिले में ये चौड़ीकरण कुरावली के एटा बार्डर से कन्नौज बार्डर
तक किया जा रहा है। चौड़ीकरण के दायरे में 11377 पेड़ आ रहे थे। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद वन निगम इटावा ने अपनी निगरानी में ये पेड़ कटवा दिए। पेड़ कटान का कार्य इस वर्ष जनवरी
तक पूरा कर लिया गया था। चौड़ीकरण कार्य अभी जारी है। पौधारोपण को नहीं मिली जमीन अनुमति की शर्त के मुताबिक, काटे गए पेड़ों के सापेक्ष दोगुनी संख्या में पौधा रोपण करना होता है। करीब एक साल होने
को है, इन पेड़ों की भरपाई के लिए वन विभाग जमीन नहीं खोज पाया है। जिले में जमीन की गुंजाइश न देख फीरोजाबाद में जमीन तलाशी गई है। इसी तरह, भोगांव से मैनपुरी शहर होकर शिकोहाबाद तक के मार्ग को
फोरलेन बनाया जा रहा है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेकर सात हजार पेड़ों का कटान किया गया है। इनके बदले में हरियाली रोपने की योजना पर अभी काम होना है। बनाई जा रही कार्ययोजना
काटे गए पेड़ों के सापेक्ष पौधारोपण के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। जीटी रोड किनारे अलग से पौधा रोपण कराने पर भी विचार किया जा रहा है। अखिलेश कुमार पांडेय, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी एवं
वन विभाग ये है नियम किसी भी परियोजना के लिए पेड़ काटने की अनुमति दो गुने पौधे रोपने की शर्त पर दी जाती है। पौधारोपण के लिए निर्धारित धनराशि कार्यदायी संस्था या व्यक्ति द्वारा वन विभाग के
कैंपा फंड में जमा कराई जाती है। धनराशि जमा होने के बाद ही पेड़ काटे जा सकते हैं। इसके बाद वन विभाग अपनी सुविधा अनुसार भूमि तलाश कर पौधारोपण कराता है। पौधारोपण के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं
है।