Ingenuity हेलीकॉप्‍टर को मंगल की सतह पर ड्राप किया गया, जल्द भरेगा उड़ान- नासा ने दी जानकारी - nasa ingenuity mini helicopter has been dropped on the surface of mars in preparation for its first flight

Ingenuity हेलीकॉप्‍टर को मंगल की सतह पर ड्राप किया गया, जल्द भरेगा उड़ान- नासा ने दी जानकारी - nasa ingenuity mini helicopter has been dropped on the surface of mars in preparation for its first flight

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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के पर्सिवियरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गए इंजेन्‍वनिटी हेलीकॉप्‍टर (Ingenuity mini-helicopter) पहली कंट्रोल फ्लाइट के लिए तैयार है। इसे इसकी पहली उड़़ान के लिए


मंगल की सतह पर ड्रॉप कर दिया गया है। By TaniskEdited By: Updated: Sun, 04 Apr 2021 02:27 PM (IST) वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के पर्सिवियरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गए


इंजेन्‍वनिटी हेलीकॉप्‍टर (Ingenuity mini-helicopter) पहली कंट्रोल फ्लाइट के लिए तैयार है। इसे इसकी पहली उड़़ान के लिए मंगल की सतह पर ड्रॉप कर दिया गया है। स्पेस एजेंसी ने खुद इसकी जानकारी दी


है। इससे पहले वह अब तक रोवर से जुड़कर चार्ज हो रहा था। बता दें कि यह पहला अवसर होगा जब कोई हेलीकॉप्‍टर मंगल की सतह से उड़ेगा और कैमरे में उसका नजारा कैद करेगा। आठ फरवरी को यह उड़ान भरेगा। 


बता दें कि पर्सिवियरेंस रोवर 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर लैंड हुआ था। 2.7 अरब डॉलर का यह मिशन है। इसका प्राथमिक मकसद  करीब तीन अरब साल पहले जब मंगल जीवन के ज्यादा अनुकूल था तब शायद मंगल ग्रह पर


सूक्ष्म जीव पनपें हों इसका पता लगाना है। रोवर में दो माइक्रोफोन हैं। पिछले दिनों उसने इसकी मदद से सतह पर चहलकदमी का आडियो भेजा था। अंतरिक्ष एजेंसी ने एक 16 मिनट का ऑडियो जारी किया था। इसमें


मंगल की सतह पर रोवर के पहियों के चलने की आवाज सुनाई दे रही है। रोवर में इसके अलावा वेदर स्टेशन, 19 कैमरे लगे हैं। नासा को इनकी मदद से स्पष्ट तस्वीरें मिलने की उम्मीद है। इससे पहले यह


अंतरिक्ष एजेंसी मंगल पर मोबाइल साइंस व्हीकल भेज चुका है, लेकिन पर्सिवियरेंस इससे ज्यादा बड़ा और परिष्कृत है। इसको मंगल की चट्टानों के नमूने एकत्र करने के लिहाज बनाया गया है। रोवर अपने साथ


परियोजना से जुड़े कुछ खास उपकरण भी लेकर गया है। इसमें यह  हेलीकॉप्टर भी है, जिसे दूसरे ग्रह पर नियंत्रित उड़ान परीक्षण बनाया गया है। नासा के अनुसार अगर हेलिकॉप्टर टेक ऑफ और कुछ दूर घूमने में


सफल रहा तो मिशन 90 फीसद कामयाब होगा। अगर यह सफलतापूर्वक लैंड करने के बाग भी काम करता रहा तो चार और फ्लाइट्स टेस्ट की जाएंगी।