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स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ में इलेक्ट्रॉनिक्स चिप और रिमोट के जरिए तेल चोरी के मामले में रविवार (30 अप्रैल) को पेट्रोल पंपों पर छापा मारा। इसमें तीन पेट्रोल पंपों द्वारा कम तेल
देने पर उन्हें सीज कर दिया गया। पिछले तीन दिन में एसटीएफ 13 पेट्रोल पंपों को सीज कर चुकी है। रविवार रात को जब लखनऊ में एक एसटीएफ की टीम पेट्रोल पंप पर छापा मारने पहुंची तो एसटीएफ को वहां से
पूरा का पूरा पेट्रोल पंप ही गायब मिला। दरअसल, जब एसटीएफ की टीम पेट्रोल पंप पर पहुंची तो पेट्रोल पंप पर तेल बांटने वाली सभी मशीनों (डिस्पेंसिंग मशीनों) को उखाड़कर पंप के पीछे रख दिया गया था।
पंप के बाहर बोर्ड लगा दिया था कि पेट्रोल पंप का रेनोवैशन (Under Renovation) हो रहा है। एसटीएफ की टीम ने जब उखाड़ी गई मशीनों की जांच कराई तो उसमें तेल चोरी करने वाली चिप लगी होने के निशान
मौजूद थे। गौरतलब है कि एसटीएफ ने लखनऊ में 27 अप्रैल को पेट्रोल पंप की डिस्पेंसिंग मशीनों में चिप लगाकर तेल चोरी करने के देश के सबसे बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया था। ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है
कि लोग जितना पेट्रोल-डीजल भरवा रहे थे, असल में उनको उससे 10-15 फीसदी कम ही मिल रहा था। इस घोटाले से पर्दा उठने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर देश में मौजूद कुल पेट्रोल पंपों में से 10
प्रतिशत ऐसा कर रहे होंगे तो सालाना 250 करोड़ रुपये का घोटाला हो रहा होगा। तेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 59,595 पेट्रोल पंप हैं। उनमें से 3.5 करोड़ उपभोक्ता 2,500 करोड़
रुपये का पेट्रोल-डीजल भरवाते हैं। ऐसे होती थी चोरी: पेट्रोल में धांधली करने के लिए 2 से 3 लोग काम पर होते हैं। एक पेट्रोल डालता है तो दूसरा व्यक्ति पैसों का बैग लेकर साथ में खड़ा रहता है।
बैग वाले व्यक्ति के पास एक रिमोट होता है। चिप को पेट्रोल डालने वाले नोजल के नीचे लगाया जाता है जब गाड़ी में पेट्रोल पड़ रहा होता है उस समय अपने हिसाब से बैग वाला व्यक्ति रिमोट का बटन दबा
देता है। इससे गाड़ी में पेट्रोल डलना तो बंद हो जाता है लेकिन मशीन ग्राहक की मांग के मुताबिक पेट्रोल और पैसे दिखाती रहती है।