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केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में जारी किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के दौरान कर्मचारियों और कंपनियों को पीएफ के योगदान में तीन महीने के लिए राहत का ऐलान किया गया है। अब नियोक्ता और
कर्मचारियों को तीन महीने के लिए यानी मई, जून और जुलाई में पीएफ में 10 फीसदी योगदान ही देना होगा। पहले यह हिस्सा दोनों की तरफ से 12-12 फीसदी हुआ करता था। सरकार का कहना है कि इससे एक तरफ
नियोक्ता यानी कंपनियों पर बोझ कम होगा और दूसरी तरफ कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में इजाफा होगा। सरकार के इस फैसले का देश के 4.3 करोड़ पीएफ सबस्क्राइबर्स पर असर पड़ने वाला है। आइए जानते हैं,
पीएफ के योगदान में कटौती से टेक होम सैलरी में होगा कितना इजाफा… योगदान में कमी से क्या होगा असर: ईपीएफओ के मुताबिक पीएफ में योगदान को 12 फीसदी की बजाय 10 पर्सेंट करने से टेक होम सैलरी में
इजाफा होगा। मान लीजिए कि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का जोड़ 10,000 रुपये है तो फिर उसका पीएफ में योगदान 1,200 रुपये की बजाय 1,000 रुपये ही रह जाएगा। इसी तरह नियोक्ता का योगदान भी
1,000 रुपये ही रह जाएगा। कर्मचारी को होगा कितना फायदा: पीएफ का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी और डीए को जोड़कर किया जाता है। यदि किसी कर्मचारी का डीए और बेसिक 10,000 रुपये है तो फिर 200 रुपये
प्रतिमाह अधिक मिलेंगे। अब यदि आपकी बेसिक सैलरी और डीए 30,000 रुपये है तो फिर आपको 3,600 रुपये की बजाय 3,000 रुपये ही देने होंगे। इस तरह आपकी सैलरी में जून, जुलाई और अगस्त में 600 रुपये
अतिरिक्त मिलेंगे। सैलरी 40,000 है तो बचेंगे कितने रुपये: इसके अलावा आपकी बेसिक सैलरी और डीए 40,000 रुपये है तो फिर पीएफ में आपका योगदान 4,800 रुपये की बजाय 4,000 रुपये ही जमा होंगे। हालांकि
तीन महीने बाद यानी जुलाई महीने के बाद एक बार फिर से कर्मचारी और कंपनियों को 12 फीसदी योगदान पीएफ में देना होगा। क्लिक करें CORONA VIRUS, COVID-19 और LOCKDOWN से जुड़ी खबरों के लिए और जानें
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