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शुक्रवार (10 जनवरी) को रिलीज हुई बॉलीवुड की दो बड़ी फिल्मों ‘तानाजी’ और ‘छपाक’ को लेकर सियासी बवाल जारी है। दीपिका पादुकोण की Chhapaak फिल्म को लेकर भोपाल में बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता विरोध-
प्रदर्शन कर रहे हैं और लोगों को अजय देवगन की Tanhaji फिल्म की फ्री टिकटें बांट रहे हैं। जबकि इसके जवाब में कांग्रेस के संगठन NSUI के लोग ‘छपाक’ फिल्म की मुफ्त टिकट लोगों को दे रहे हैं। यह
घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देखने को मिली जहां Chhapaak और Tanhaji को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। छपाक व तानाजी के मिल रहे फ्री टिकट: भोपाल में कांग्रेस व बीजेपी
कार्यकर्ताओं के क़दमों से छपाक और तानाजी फिल्म पर राजनीति तेज हो गई है। जहां भाजपाइओं ने दीपिका पादुकोण के विरोध में उनकी फिल्म छपाक के खिलाफ तानाजी का टिकट मुफ्त में बांटना शुरू कर दिया है
तो एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने भी छपाक (Tanaji, Chhapak Free Ticket) के मुफ्त टिकट बांटने शुरू कर दिए। इस बीच इस बीच बीजेपी नेता रामेश्वर शर्मा ने मांग की कि जैसे छपाक को टैैक्स फ्री किया गया
है वैसे ही तानाजी को भी टैक्स फ्री किया जाए। See more > Bhopal: National Students' Union of India(NSUI) workers distribute > free tickets to #Chhapaak movie and BJP workers
distribute free > tickets to #Tanhaji movie. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/5OWXqDdPqd > > — ANI (@ANI) January 10, 2020 क्या है विवाद: बता दें कि ‘छपाक’ की रिलीज (10 जनवरी) से दो
दिन पहले एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण जेएनयू (JNU) में हिंसा के विरोध में आंदोलनकारी छात्रों से मिलने कैंपस गईं थी और उन्हें समर्थन दिया था। जिसके बाद सोशल मीडिया का एक धड़ा उनके विरोध में उतर
आया। बीजेपी के कुछ नेता और कार्यकर्ताओं समेत कई अन्य संगठनों ने सोशल मीडिया पर ‘छपाक’ ना देखने की अपील की थी। उन्होंने इसके विरोध में अजय देवगन की ‘तानाजी’ देखने की अपील की। महाराष्ट्र में
उठी यह मांग: कांग्रेस नेता संजय दत्त ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (MVA) सरकार से अपील की है कि वह तेजाब पीड़िता की वास्तविक कहानी पर बनी फिल्म ‘छपाक’ को राज्य में कर मुक्त करें।
दीपिका पादुकोण इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं और इसका निर्देशन मेघना गुलजार ने किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव दत्त ने कहा कि यह फिल्म तेजाब पीड़िताओं की तकलीफों,
उनके संघर्ष और उनकी जीत को उजागर करता है और इन पीड़िताओं के प्रति समाज के नजरिए को बदलने का संदेश देता है।