एनएसजी के लिए एनपीटी जरूरी नहीं- अमेरिकी थिंक टैंक

एनएसजी के लिए एनपीटी जरूरी नहीं- अमेरिकी थिंक टैंक

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एक अमेरिकी थिंक टैंक के विशेषज्ञ ने कहा है कि एनएसजी में शामिल होने के लिए एनपीटी की सदस्यता जरूरी नहीं है लेकिन इसके नियमों का अनुपालन जरूरी चीज है। यह टिप्पणी चीन के विरोध के चलते भारत की


एनएसजी सदस्यता पर 48 सदस्यों के समूह द्वारा कोई फैसला नहीं कर पाने के कुछ सप्ताह बाद आई है। कार्नेगी एनडावमेंट फोर इंटरनेशनल पीस में परमाणु नीति कार्यक्रम के सीनियर ऐसोसिएट मार्क हिब्स ने


न्यूक्लियर इंटेलीजेंस वीकली में प्रकाशित संपादकीय लेख में कहा, ‘समस्या की बात यह है कि एनएसजी के अन्य सदस्यों के विपरीत भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का सदस्य नहीं है और इसीलिए उसकी


परमाणु गतिविधियों पर कोई बहुपक्षीय नियंत्रण नहीं है।’ हिब्स ने कहा कि इस संकट से बाहर निकलने के लिए भारत को कुछ विशेष योग्यता को पूरा करना होगा या सदस्यता की जरूरी शर्तो के कुछ मापदंडों को


पूरा करना होगा। उन्होंने कहा, ‘एनपीटी की सदस्यता एनएसजी की सदस्यता के लिए जरूरी नहीं है लेकिन आईएनएफसीआईआरसी : 539 में अनुपालन एक कारक है तथा कई प्रतिभागी इस बात का पक्ष लेंगे कि भारत कानून


सम्मत कुछ प्रतिबद्धताएं करे जिनमें एनपीटी का अनुच्छेद 1 और छह तथा व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि शामिल हैं । ये चीजें भारत को वैश्विक अप्रसार की मुख्यधारा में लाएंगी।’ आईएनएफसीआईआरसी :


539 एक एनएसजी दस्तावेज है जो यह व्याख्या करता है कि परमाणु कारोबारी समूह कैसे काम करते हैं ।