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कोरोना विषाणु के संक्रमण के बारे में चीन लगातार कहता रहा है कि इसकी शुरुआत वुहान प्रांत के ह्युवेई से हुई। सात जनवरी को चीनी अधिकारियों ने ऐलान किया कि उन्होंने नए तरह के विषाणु संक्रमण का
पता लगाया है और दावा किया गया कि पहला मरीज एक महीने पहले आठ दिसंबर को बीमार पड़ा था। लेकिन कुछ दस्तावेज सामने आने के बाद चीन के इस दावे पर सवाल उठने लगे हैं। कहा जाने लगा है कि चीन अगर सच
नहीं छुपाता तो संक्रमण इस कदर बेकाबू नहीं होता। क्या हुआ था? दस्तावेजों के खुलासे के बाद ऐसे दावे सामने आ रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि चीन की सरकार खामियां उजागर करने वाली रिपोर्ट को
सेंसर कर रही है। बीजिंग के एक अखबार और उसकी वेबसाइट ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ का दावा सामने आया है कि उसके हाथ कुछ सरकारी दस्तावेज लगे हैं, जिसके मुताबिक चीन ने पहला मरीज मिलने के 21 दिन
बाद यानी आठ दिसंबर 2019 को कोरोना के पहले मरीज के बारे में खुलासा किया था। दरअसल, चीन ने 17 नवंबर को ही संक्रमित पहले मरीज का पता लगा लिया था, लेकिन यह जानकारी छुपाई गई। दस्तावेजों के
मुताबिक, 17 नवंबर को ह्युवेई में जिस पहले मरीज का पता चला था उसकी उम्र 55 साल थी। 17 नवंबर को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद हर दिन औसतन तीन से चार मामले सामने आए। 27 दिसंबर को
ह्युवेई के एक अस्पताल के चिकित्सक जैंग जिक्सियन ने बताया कि कोरोना नाम के विषाणु से लोग संक्रमित हो रहे हैं लेकिन इस बारे में कुछ पता नहीं लग पा रहा था। इसके बाद संक्रमण अनियंत्रित होने लगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की वेबसाइट कहती है कि चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला आठ दिसंबर को सामने आया था, जबकि मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस
का पहला मामला एक दिसंबर को सामने आया। इस मरीज को वुहान के झिंयिंतान अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चीन के डॉक्टर अब इस बात का पता लगा रहे हैं कि आखिर इतनी तेजी से ये बीमारी फैली कैसे? चीन
ने संक्रमण को लेकर सरकारी दस्तावेज जनता को उपलब्ध नहीं करवाए हैं। हालांकि यह बताया गया है कि शुरुआत में इसका संक्रमण कैसे फैला और किस तेजी से यह फैलता गया। दस्तावेजी खुलासे के बाद चीन का
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स लगातार इस आशय की खबरें छाप रहा है कि चीन में संक्रमण अब नियंत्रण में है। उसने हाल में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वुहान यात्रा का जिक्र करते हुए खबर छापी कि ‘चाइना
आउट आॅफ डारकेस्ट मोमेंट’। इस अखबार का एक ट्वीट भी चर्चा में है, जिसमें कहा गया है कि चीन में कोरोना वायरस के छह नए मामले बाहर के देशों से आए हैं। इनमें से पांच इटली से आए लोगों में और एक
अमेरिका से आए व्यक्ति में मिला है। समाचार एजंसी शिन्हुआ पर भी लगातार इस तरह की ख़बरे हैं, जिसमें सरकार की जम कर सराहना की गई है कि कैसे उन्होंने कोरोना पर काबू करने के लिए बेहतरीन काम किया
है।