Jiomeet की तारीफ करने पर घिरे niti आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, सोशल मीडिया पर लोग कर रहे ट्रोल

Jiomeet की तारीफ करने पर घिरे niti आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, सोशल मीडिया पर लोग कर रहे ट्रोल

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भारत और चीन के बीच लद्दाख से लगी एलएसी पर जारी तनाव के दौरान ही मोदी सरकार ने 59 चीनी ऐप्स को बैन करने का फैसला किया। इनमें टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत कई बड़ी ऐप्स शामिल थीं। इस बैन के बाद


कुछ टेक एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया यूजर्स ने चीन से संबंध रखने वाली एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ZOOM को भी प्रतिबंधित करने की मांग की। इस बीच मुकेश अंबानी की जियो ने जूम को टक्कर देने के लिए


VC ऐप JioMeet बाजार में उतार दी है। हालांकि, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत इस ऐप की तारीफ कर के सोशल मीडिया पर ट्रोल्स का शिकार हो गए हैं। दरअसल, पीएम मोदी ने नीति आयोग को प्लानिंग कमीशन की


जगह बनाया था। इसका मुख्य मकसद सरकारी योजनाओं पर केंद्र सरकार को जानकारी देना है। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर अमिताभ कांत की खिंचाई शुरू हो गई। कई यूजर्स ने उन पर निशाना साधते हुए सरकारी कंपनी


बीएसएनएल की जगह प्राइवेट कंपनी जियो के प्रचार के लिए निशाना साधा। > I can understand your eagerness to promote a private player, which > just copy cat the zoom app, even font and 


icons, yes it will > definitely go places with support from people like you and your > masters. >  > — Anupam Kumar (@anupamk99) July 4, 2020 ट्विटर हैंडल @BankerOfIndia ने कहा,


“काश आप BSNLMEET करते पर प्राइवेट कंपनी से इतना खाया है आपे की आपकी सात पुश्तों को वो कर्ज चुकाना पड़ेगा।” एक अन्य यूजर अनुपम कुमार ने कहा, “मैं समझ सकता हूं आपकी एक प्राइवेट ऐप के प्रचार की


जरूरत, जो कि जूम ऐप की ही कॉपी है। यहां तक की दोनों में फॉन्ट्स और आईकन भी एक जैसे हैं। लेकिन यह आपके और आपके मास्टर्स के समर्थन से कई ऊचाइयां छुएगी।” [embedded content] वहीं ट्विटर हैंडर


@kamalr ने लिखा, “यह नीति आयोग है या रिलायंस जियो आयोग।” अनुराग त्रिपाठी नाम के यूजर ने कहा कि अमिताभ कांत को बड़े कॉरपोरेट हाउस ने सरकार में बिठा रखा है। एक अन्य यूजर रविन गुप्ता ने लिखा,


“क्या नीति आयोग ने इस जियो मीट ऐप को बनाने की सलाह दी थी या बनवाया था? नीति आयोग आखिर सरकारी कंपनियों के लिए क्या कर रहा है। आखिर क्यों इसके लिए कोई सरकारी ऐप नहीं है। आखिर ऐसे में हम नीति


आयोग से क्या उम्मीद कर सकते हैं।” > Did niti ayog built it or advised to build it?..what niti ayog is > doing for govt PSUs..why no govt app like this in india..whose > failure is 


this..being a govt body niti ayog promoting private > company app..what we can expect now..#godblessindiafromgreedypeople >  > — Ravin Gupta (@IamRaavin) July 5, 2020