रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी की मुश्किल बढ़ाने वाले शिवसेना विधायक के यहां ed का छापा

रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी की मुश्किल बढ़ाने वाले शिवसेना विधायक के यहां ed का छापा

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प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में मुंबई और ठाणे में करीब 10 जगहों पर छापे मारे। इनमें ठाणे से शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक और उनके बेटों के घर और दफ्तर भी


शामिल रहे। सरनाइक वही नेता हैं, जो उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ टिप्पणी के लिए रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार


प्रस्ताव लाए थे। वे राज्य के पहले उन पहले नेताओं में भी शामिल रहे थे, जिन्होंने अन्वय नाईक सुसाइड केस की दोबारा जांच की मांग की थी, जिसमें बाद में अर्नब की गिरफ्तारी तक हो गई थी। गौरतलब है


कि ईडी ने अब तक सरनाईक के खिलाफ लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जानकारी नहीं दी है, हालांकि कहा गया है कि यह छापे टॉप्सग्रुप के प्रमोटर्स और उससे जुड़े सदस्यों के खिलाफ डाले गए। बताया गया है


कि सिक्योरिटी फर्म टॉप्सग्रुप के संस्थापक राहुल नंदा हैं और इसके सदस्यों में कुछ बड़े नेताओं के नाम हैं। तलाशी अभियान के बाद ईडी के अफसरों ने ठाणे स्थित ठिकाने से सरनाईक के बेटे विहंग


सरनाईक को हिरासत में ले लिया और उसे अपने साथ दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट में पूछताछ के लिए ले जाया गया। क्या है ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग केस?: बता दें कि टॉप्सग्रुप के दो वरिष्ठ अधिकारियों को


10 अक्टूबर को पैसों के गबन के मामले में कंपनी से निकाल दिया गया था। इन कर्मियों ने पुलिस में शिकायत की थी कि कंपनी के संस्थापक राहुल नंदा ने कुछ पैसे एक ऑफशोर ट्रस्ट को पहुंचाए। साथ ही


टॉप्सग्रुप की तरफ से ब्रिटेन की एक फर्म के 2007 में किए गए अधिग्रहण में अनियमितताओं का भी आरोप लगाया। शिकायत में नंदा के सरनाईक के साथ व्यापारिक रिश्तों की बात भी कही गई थी। इसके बाद एक


मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मुंबई पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। नंदा और सरनाईक के खिलाफ ईडी की जांच भी उसी एफआईआर पर आधारित है। सत्तापक्ष के खिलाफ सरकारी एजेंसी का


इस्तेमाल कर रहा केंद्र:  सरनाईक के ठिकानों पर ईडी के छापों के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राज्य में जो कुछ भी हो रहा है, वह विपक्ष की निराशावादी सोच को जाहिर करती है। लोगों के


सवालों का जवाब देने के बजाय केंद्र अपने राजनीतिक विपक्षियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है। यह ठीक नहीं है। हमारे प्रतिद्वंदी जानते हैं कि महाविकास अघाड़ी सरकार के राज्य में


एक साल पूरे करने के साथ उनका सत्ता में वापस लौटना मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए वे केंद्र से ताकत का इस्तेमाल करने की कोशिश में हैं। दूसरी तरफ शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने छापों


को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है कि महाविकास अघाड़ी सरकार केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में आ जाएगी, तो वे सपनों की दुनिया में जी रहे हैं। बता दें कि मंगलवार


शाम को ही सरनाईक सामना के दफ्तर में संजय राउत से मिलने पहुंचे। तब सरनाइक ने कहा कि हमें ईडी की जांच के बारे में नहीं पता और हम सूचना जुटा रहे हैं।