‘किन ख्यालों में खोई हो’ कहने पर दर्ज हुआ था केस, 11 साल बाद बरी हुआ टीचर

‘किन ख्यालों में खोई हो’ कहने पर दर्ज हुआ था केस, 11 साल बाद बरी हुआ टीचर

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हरियाणा शिक्षा विभाग के हायर सेकंडरी स्कूल के एक टीचर को 11 साल बाद एक मामले में बरी कर दिया गया है। टीचर पर एक गर्ल स्टूडेंट ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उनके खिलाफ शिकायत के मुताबिक,


शिक्षक कथित तौर पर गर्ल स्टूडेंट्स से “किन ख्यालों में खोई हुई हो” कहने का आदि था। स्कूल डिपार्टमेंट को माता-पिता से शिकायतें मिलीं, जिसके बाद शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन टीचर को


पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से राहत मिली और हाल ही में विभाग ने टीचर को दोष्मुक्त कर दिया। टीचर को 9 फरवरी, 2007 को निलंबित कर दिया गया था। बाद में डिपार्टमेंट द्वारा चार्ज लगाए गए थे।


विभाग के आदेश में कहा गया, “गर्ल्स स्टूडेंट्स के प्रति उनका व्यवहार उचित नहीं है और कभी-कभी वह ऐसे शब्दों का उपयोग करता है जो सहन करना असंभव हैं। उदाहरण के लिए, वह इस तरह की भाषा का उपयोग


‘तुम्हारा ध्यान किधर है’ और ‘किन ख्यालों में खोई हुई हो’। इसके अलावा क्लास में मोबाइल की रिंगटोन भी बजाते हैं। ऑर्डर में आगे कहा गया कि एक लेक्चरर के तौर पर यह सब उचित नहीं है। यह एक टीचर की


प्रतिष्ठा और कद पर प्रतिबिंबित करता है। वर्तमान में झज्जर में तैनात शिक्षक ने अपने बचाव में, कहा कि उन्होंने “तुम्हारा ध्यान किधर है” और “किन ख्यालों में खोई हुई हो” शब्द नहीं कहा था और यह


कक्षा में उनके शिक्षण की गलत व्याख्या हो सकती है। उन्होंने क्लास में मोबाइल फोन ले जाने से भी इनकार कर दिया। सरकार ने जवाब असंतोषजनक पाया और नियमित जांच अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस


एच पी चौधरी को नियुक्त किया। सितंबर 2007 में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में, उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आरोप स्पष्ट शर्तों में सिद्ध नहीं हुए थे। “फिर भी, यह एक तथ्य था कि वह (शिक्षक) पिछले


स्कूल में एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध रखता था लेकिन कानूनी आधार पर आपराधिक मामले में बरी कर दिया गया था।” रिपोर्ट के मुताबिक कार्यवाई करते हुए, विभाग ने मई 2013 में शिक्षक का एक ग्रेड


इनक्रीमेंट को रोक दिया था। हाल ही में जारी एक आदेश में, अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), धीरा खंडेलवाल, स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के


अनुपालन में शिक्षक को बरी कर दिया।