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प्रकीर्तिमा अधिकतर लोगों का विचार है कि जब हमारा पेट खाली होता है, तब हमें भूख का अहसास होता है, लेकिन यह बात सही नहीं है। खाली पेट से भूख का विशेष संबंध नहीं है। उदाहरण के लिए लोग जब बीमार
होते हैं या तेज बुखार से पीड़ित होते हैं, तब खाली पेट होने पर भी उन्हें कई दिन तक भूख नहीं लगती। इसी प्रकार जब कोई बच्चा पैदा होता है, तब उसे कई दिन तक भूख नहीं लगती। जब रक्त में पोषक
तत्त्वों की कमी हो जाती है, तब हमें भूख का अहसास होता है। रक्त में पोषक तत्त्वों की कमी इसलिए हो जाती है कि दिन भर के काम-काज में हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमें रक्त के पोषक
तत्त्वों से ही मिलती है। बीमार आदमी का शरीर विश्राम अवस्था में होने के कारण कम ऊर्जा खर्च करता है। इस ऊर्जा का काफी भाग शरीर में संचित प्रोटीनों से मिल जाता है। इसलिए बीमार आदमी को कई दिन तक
भूख नहीं लगती। जब रक्त के अंदर पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है, तब यह मस्तिष्क में स्थित क्षुधा-केंद्र को एक संदेश पहुंचाता है। यह क्षुधा-केंद्र पेट और आंतों पर एक ब्रेक की तरह कार्य करता
है। जब तक रक्त में पोषक तत्त्वों की मात्रा बहुतायत में होती है, तब तक क्षुधा-केंद्र पेट और आंतों को अधिक क्रियाशील कर देता है। यही कारण है कि भूखे आदमी का पेट अक्सर गड़गड़ाहट की आवाज करने लगता
है, जिसे हम पेट में चूहे कूदना भी कहते हैं। हमारा आमाशय अक्सर एक निश्चित समय पर प्रतिदिन भोजन करने का आदी हो जाता है। इस निश्चित समय के आते ही शरीर के आंतरिक अंगों में एक प्रकार की गति
प्रारंभ हो जाती है और पाचक रस आमाशय में छोड़ दिए जाते हैं, जिनमें हमें भूख लगने लगती है और कभी-कभी पेट में गड़गड़ाहट भी होने लगती है। जब हमें भूख लगती है, तब हमारा शरीर किसी विशेष प्रकार के
भोजन की इच्छा नहीं करता, बल्कि यह पोषक तत्त्वों को चाहता है। इन पोषक तत्त्वों में विशेष रूप से प्रोटीन, काबोहाइड्रेट, वसा, खनिज, विटामिन और जल आते हैं। इन सभी चीजों का शरीर में अपना-अपना
महत्त्व है। प्रोटीन नाइट्रोजन युक्त ऐसे पदार्थ हैं, जो शारीरिक विकास, मांसपेशियों और ऊतकों की मरम्मत करने के काम आते हें। काबोहाइड्रेट और वसा से ऊर्जा और ताप पैदा होते हैं। खनिज पदार्थ
हड्डियों और ऊतकों के निर्माण और वृद्धि के काम आते हैं। विटामिन अनेक प्रकार के रोगों से हमें बचाते हैं। जल हमारी कोशिकाओं का मुख्य अंग है। इसी के सहारे शरीर में पोषक तत्त्व और ऑक्सीजन एक
स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचते हैं। किसी भी पोषक तत्त्व की कमी हो जाने से हम बीमार पड़ सकते हैं।