भागलपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को गंगा जल पिलाने की योजना अधर में लटकी

भागलपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को गंगा जल पिलाने की योजना अधर में लटकी

Play all audios:

Loading...

भागलपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये गंगा जल पिलाने की योजना अधर में लटक गई है। 2018 के बजट में स्वीकृति के बाद राशि का प्रावधान हो जाने के बावजूद यह योजना मुख्यालय


की... __ भागलपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये गंगा जल पिलाने की योजना अधर में लटक गई है। 2018 के बजट में स्वीकृति के बाद राशि का प्रावधान हो जाने के बावजूद यह


योजना मुख्यालय की फाइलों में ही पड़ी है। इधर, रेलवे स्टेशन पर दिन-प्रतिदिन जलापूर्ति की समस्या बढ़ती जा रही है। इस गर्मी में भी संकट इतना बढ़ गया है कि स्टेशन पर लगे वाटर पोस्ट के आधे नलों


को बंद रखना पड़ रहा है।  भू-जलस्तर में गिरावट और एक-एक कर बोरिंग की जलापूर्ति क्षमता कम होते देख डिविजन ने 2017 में गंगा वॉटर प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को दिया था। प्रस्ताव मंजूर हुआ


और 2018 के बजट में इसके लिए 21.05 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए गए। अभी तक सतही तौर पर न तो डीपीआर बना है न ही किसी अधिकारी ने इस योजना के लिए सर्वे किया है। नतीजा यह है कि स्थानीय स्तर पर


इंजीनियर को इसके बारे में कोई जानकारी तक नहीं है। रेलवे स्टेशन परिसर में अभी छह डीप बोरिंग है। बावजूद इसके स्टेशन के हर हिस्से में पानी की आपूर्ति नहीं की जा सकती है। यहां तक कि स्टेशन के


प्लेटफार्म नंबर एक पर भी पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा है। आईओडब्ल्यू इंजीनियर ओपी भगत बताते हैं कि मुख्यालय स्तर से इस योजना पर तैयारी हो रही है। अभी तक स्थानीय स्तर पर कोई दिशा निर्देश नहीं


मिला है।     यह था प्रस्ताव, ऐसा था स्वरूप सतही जलस्रोत पर पानी के लिए निर्भरता बनाने के लिए गंगा से पानी पंप कर इंटकवेल में लेना है। गंगा किनारे बने इंटकवेल से पानी रेलवे के प्रस्तावित


वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाएगा। यहां जल शोधन तकनीक से पानी का शुद्धिकरण कर सप्लाई के लिए बनाई गईं जलमीनारों में भरा जाएगा। गंगा से पानी लाने के लिए रेलवे ने बकायदा अपनी जमीन इस्तेमाल


करने का ही प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव के अनुसार भागलपुर से बरारी जाने वाली छोटी लाइन के रास्ते पानी स्टेशन तक लाना है। ऐसा इसलिए किया गया था कि शहरी क्षेत्र की सड़क आदि को क्षतिग्रस्त किए


बिना योजना जल्द से जल्द पूरी हो सके।