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केंद्र सरकार दवा कंपनियों की मार्केटिंग गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है, क्योंकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि ये कंपनियां डॉक्टरों को कई तरह की मुफ्त सुविधाएं देना जारी रखे हुए हैं। Drigraj
Madheshia लाइव हिन्दुस्तानTue, 3 June 2025 05:41 AM Share Follow Us on __ केंद्र सरकार ने फार्मा कंपनियों की तरफ से डॉक्टरों को दी जो वाली मुफ्त सुविधाएं यानी उपहार दिए जाने को लेकर सख्त रुख
अपनाते हुए उनसे पिछले एक साल में मार्केटिंग पर किए गए खर्च का ब्यौरा मांगा है। सरकार के इस कदम से फार्मा उद्योग उलझन में पड़ गया है।फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा मांगे गए डिटेल्स 31 जुलाई
तक प्रस्तुत किए जाने हैं, ऐसा न करने पर दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लागू होने जा रहा यूनिफॉर्म कोड केंद्र सरकार दवा कंपनियों की मार्केटिंग गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है,
क्योंकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि ये कंपनियां डॉक्टरों को कई तरह की मुफ्त सुविधाएं देना जारी रखे हुए हैं, जबकि अनैतिक मार्केटिंग प्रथाओं पर लगाम लगाने के लिए फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिस
के लिए यूनिफॉर्म कोड लागू होने जा रहा है। समयसीमा अब 31 जुलाई सरकार द्वारा सभी फार्मास्युटिकल एसोसिएशनों को 29 मई को एक पत्र जारी कर तय समय-सीमा के भीतर अनुपालन पूरा करने के लिए कहा गया है।
भारतीय औषधि निर्माता संघ के महासचिव दारा पटेल ने कहा, फार्मास्युटिकल विभाग ने यूनिफॉर्म कोड फॉर फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (यूसीपीएमपी) 2024 के तहत मार्केटिंग खर्च की सेल्फ
डिक्लेरेशन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। वित्त वर्ष 25 से संबंधित प्रस्तुतियां देने की समयसीमा अब 31 जुलाई है। क्या है SELF DECLARATION स्व-घोषणा (Self Declaration) एक कानूनी वचन है,
जिसे कंपनी मालिकों द्वारा सरकार को आश्वस्त करने के लिए दायर किया जाता है कि वे अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किसी भी अनैतिक मार्केटिंग प्रथाओं में लिप्त नहीं हैं। पटेल ने कहा कि
यूसीपीएमपी दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन से कंपनियों मार्केटिंग प्रैक्टिस में सतर्कता और पारदर्शिता की भावना पैदा हुई है, जो उद्योग के लिए अच्छा है। भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस के महासचिव
सुदर्शन जैन ने कहा, यह पहली बार है कि फार्मा कंपनियों द्वारा इतने बड़े पैमाने पर अनुपालन किया जा रहा है।