सरकार ने की गैस की कीमतों में बड़ी कटौती, आम आदमी के लिए राहत

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सरकार ने वाहन के लिए सीएनजी और रसोई गैस के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली नेचुरल गैस की कीमत में दो साल में पहली बार कटौती की है। Varsha Pathak भाषाSun, 1 June 2025 02:24 PM Share Follow Us


on __ सरकार ने एपीएम (APM) के दायरे में आने वाले पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत घटा दी है। सरकार ने वाहन के लिए सीएनजी और रसोई गैस के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली


नेचुरल गैस की कीमत में दो साल में पहली बार कटौती की है। यह बेंचमार्क दरों में गिरावट को दिखाता है। सरकार के इस कदम से सीएनजी (CNG), पीएनजी, बिजली और उर्वरक के दाम घट सकते हैं। बता दें कि


एपीएम गैस का इस्तेमाल कई चीजों में होता है। जैसे कि- पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी), सीएनजी बनाने में भी इस्तेमाल होता है, जिसका इस्तेमाल गाड़ियां चलाने में होता है।


इसके अलावा, उर्वरक और बिजली बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है। क्या है नया अपडेट पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की एक अधिसूचना के अनुसार, नीलामी के


बिना सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी को आवंटित विरासती या पुराने क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस की कीमत 6.75 डॉलर से घटाकर 6.41 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दी गई है।


अप्रैल, 2023 में सरकार द्वारा इस तरह की गैस की कीमत के लिए एक नया फॉर्मूला लागू करने के बाद से यह पहली कटौती है। इससे इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड, महानगर गैस लिमिटेड और अडानी-टोटल गैस लिमिटेड


जैसे शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को मदद मिलेगी, जो उत्पादन लागत में वृद्धि से दबाव में थे। ये भी पढ़ें:मिडिल क्लास को मिलेगा बड़ा तोहफा! बड़ी राहत देने की तैयारी, 6 जून को होगा ऐलान ये भी


पढ़ें:इस सप्ताह कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल? ये फैक्टर्स करेंगे प्रभावित जानिए क्या है डिटेल अप्रैल, 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसमें


एपीएम गैस कहे जाने वाले पुराने क्षेत्रों से प्राप्त गैस की कीमत मासिक आधार पर कच्चे तेल के मासिक औसत आयात मूल्य के 10 प्रतिशत पर निर्धारित करने की बात कही गई थी, जिसमें न्यूनतम चार डॉलर और


अधिकतम 6.5 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट की सीमा तय की गई थी। अधिकतम मूल्य दो साल तक अपरिवर्तित रहना था और उसके बाद हर साल 0.25 डॉलर की दर से बढ़ना था। इसके अनुरूप, अप्रैल में अधिकतम


मूल्य बढ़कर 6.75 डॉलर प्रति इकाई हो गया।