Groww बढ़ाने जा रहा है 150% ब्रोकरेज फीस, छोटे निवेशकों को लगेगा बड़ा झटका

Groww बढ़ाने जा रहा है 150% ब्रोकरेज फीस, छोटे निवेशकों को लगेगा बड़ा झटका

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देश के सबसे ब्रोकिंग कंपनी ग्रो इंडिया (GROWW INDIA) की तरफ से ट्रांजैक्शन फीस में 150 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। सेबी की तरफ से हुई नियमों की कड़ाई के बाद ब्रोकिंग फर्म्स का मुनाफा


प्रभावित हुआ है Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 May 2025 09:38 AM Share Follow Us on __ देश के सबसे ब्रोकिंग कंपनी ग्रो इंडिया (Groww India) की तरफ से ट्रांजैक्शन फीस में 150


प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। सेबी की तरफ से हुई नियमों की कड़ाई के बाद ब्रोकिंग फर्म्स का मुनाफा प्रभावित हुआ है। जिसे अब ग्राहकों से वसूलने की तैयारी है। इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के


अनुसार कंपनी ने अपने एक क्लाइंट्स को बताया कि ब्रोकरेज चार्ज प्रति इक्विटी ऑर्डर पर 2 रुपये से 5 रुपये बढ़ाकर किया जाएगा। कंपनी का यह फैसला 21 जून से प्रभावी होगा। इस फैसेल का असर छोटे


निवेशकों पर विशेषतौर पर पड़ेगा। इस छोटे ट्रांजैक्शन पर लगने वाला ट्रेडिंग खर्च बढ़ जाएगा। ये भी पढ़ें:1 शेयर पर मिलेंगे 2 शेयर फ्री, रिकॉर्ड डेट कल, एक साल में स्टॉक ने किया पैसा डबल अब कितनी


होगी फीस? ग्रो इंडिया की तरफ से अब प्रति ट्रेड ट्रांजैक्शन पर 5 रुपये से 20 रुपये वसूला जाएगा। अभी निवेशकों से 2 रुपये से 20 रुपये कंपनी वसूलती है। ग्रो इंडिया के 13 मिलियन एक्टिव क्लाइंट्स


है। ग्रो ने एमटीएफ (Margin Trading Facility) की ब्याज दरों में बदलाव किया है। पहले यह ब्याज दर 14.95 प्रतिशत था। अब ब्रोकिंग फर्म इसके लिए 15.75 प्रतिशत वसूलेगा। यह दर 25 लाख रुपये से कम की


राशि के लिए होगा। वहीं, 25 लाख रुपये से अधिक की राशि के लिए यह दर 9.75 लाख रुपये होगी। एंजल वन ने भी बढ़ाई थी फीस इससे पहले एंजल वन ने भी ब्रोकरज चार्ज बढ़ा दिया था। पिछले साल इस ब्रोकिंग


हाउस ने प्रति चार्ज 0 रुपये 20 रुपये प्रति शेयर कर दिया था। बता दें, पिछले साल जुलाई में सेबी ने 'true-to-label' सर्कुलर जारी किया था। जिसके बाद से ब्रोकरेज हाउसेज का मुनाफा


प्रभावित हुआ था। इस सर्कुलर की वजह से ब्रोकर्स को मिलने वाले छूट पर रोक लग गई थी। जिससे उनकी आय प्रभावित हुई है। एनएसई में इक्विटी डेरीवेटिव्स टर्नओवर 27 प्रतिशत की गिरावट के बाद 39.50 लाख


करोड़ रुपये मार्च में रहा है। जोकि सितंबर में 54.40 लाख करोड़ रुपये रहा था। सेबी के सर्कुलर के बाद ब्रोकरेज कंपनियां काफी दबाव में हैं। उनकी इनकम प्रभावित हुई है। जिसके बाद से कीमतों में


इजाफे की उम्मीद की जा रही थी।