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RBI ने भारत वित्त वर्ष 2025-26 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उसने इस साल के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान लगाया है। RBI Reports: आरबीआई ने गुरुवार
को कहा कि भारत वित्त वर्ष 2025-26 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उसने इस साल के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान लगाया है। हालांकि दुनिया भर में ट्रेड
वॉर, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियां हैं, लेकिन भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है। रिपोर्ट की मुख्य बातें 1. महंगाई पर काबू: रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 महीनों में महंगाई
दर 4% के लक्ष्य के आसपास रहेगी। जिंसों (कच्चे माल) की कीमतों में कमी, सामान्य बारिश से अच्छी फसल और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार इसकी वजह हैं। 2. खपत और उत्पादन बढ़ा: लोगों की खरीदारी (खपत)
बढ़ी है। सेवा क्षेत्र, फैक्ट्रियों (विनिर्माण) और कृषि का प्रदर्शन अच्छा रहा। घर बनाने (आवासीय) के क्षेत्र में भी गति बनी हुई है। 3. बैंकिंग सेक्टर मजबूत: बैंकों और कंपनियों का वित्तीय हालात
ठीक है, लेकिन ब्याज दरों और कर्ज देने से जुड़े जोखिमों पर नजर रखने की जरूरत है। 4. वैश्विक चुनौतियां: दुनिया के कई देशों में आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं। कुछ देश आयात पर नए टैक्स लगा रहे हैं,
जिससे भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है। आरबीआई ने कहा कि भारत दूसरे देशों के साथ नए व्यापार समझौते करके इन मुश्किलों से निपटेगा। ये भी पढ़ें:लोन दिलाने के नाम पर सबसे अधिक ठगी, लोगों ने
गंवा दिए ₹33148 करोड़ ₹2.69 लाख करोड़ का डिविडेंड: आरबीआई ने केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का रिकॉर्ड डिविडेंड दिया है। 31 मार्च 2025 तक आरबीआई के पास कुल संपत्ति ₹76.25 लाख करोड़ हो गई,
जो पिछले साल से 8.2% ज्यादा है। इसकी वजह सोना (52% वृद्धि) और घरेलू निवेश (14.3% वृद्धि) में बढ़ोतरी है। ब्याज दरों का संकेत: रिपोर्ट में इशारा किया गया है कि भविष्य में ब्याज दरें घट सकती
हैं। पिछले दो बैठकों में आरबीआई ने पहले ही दरों में कटौती की है। यह कदम महंगाई कम होने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उठाया गया है। जोखिमों पर नजर बनाए रखनी होगी: आरबीआई का कहना है कि
भारत की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए सतर्कता जरूरी है। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद घरेलू मोर्चे पर हालात अच्छे हैं, लेकिन जोखिमों पर नजर बनाए रखनी होगी। खासकर बैंकों को कर्ज देते समय
सावधानी बरतनी होगी ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न आए।