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घाटे से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (VODAFONE IDEA) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 20,000 करोड़ रुपये के लिए मंजूरी दे दी है। यह फैसला ऐसे समय में हुआ है जब कंपनी का मार्च तिमाही के
दौरान नेट लॉस 6609 करोड़ रुपये बढ़कर 7166 करोड़ रुपये हो गया है। Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तानSat, 31 May 2025 12:20 PM Share Follow Us on __ घाटे से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन
आइडिया (Vodafone Idea) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 20,000 करोड़ रुपये के लिए मंजूरी दे दी है। यह फैसला ऐसे समय में हुआ है जब कंपनी का मार्च तिमाही के दौरान नेट लॉस 6609 करोड़ रुपये बढ़कर 7166
करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी लगातार सब्सक्राइबर्स को गंवा रही है। कंपनी इस नए फंड के जरिए 4जी और 5जी का विस्तार करेगी। जिससे कंपनी के बिजनेस के मौजूदा परिस्थितियों पर असर पड़े। और
सब्सक्राइबर्स को फिर से वापस लाया जा सके। कंपनी ने कहा है कि वो इस बात का मूल्यांकन कर रहे हैं कि पैसा इक्विटी या फिर डेट या किसी अन्य माध्यम से जुटाया जाए। ये भी पढ़ें:ट्रंप ने अब यहां लगाया
50% का टैरिफ, भारत की इन कंपनियों पर दिखेगा फैसले का असर लगातार घट रहे हैं ग्राहक ब्रिटेन के वोडाफोन ग्रुप पीएलसी और भारत के आदित्या बिरला ग्रुप का ज्वाइंट वेंचर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों
में 5जी सर्विसेज देने के बाद भी ग्राहकों की घटती संख्या को रोक नहीं पा रहा है। 2019 में हुए मर्जर के बाद दिसंबर में पहली बार सब्सक्राइबर्स की संख्या 200 मिलियन के नीचे आ गई। मार्च में एक बार
कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या घटकर 198.20 मिलियन डॉलर हो गई। वीआई के ऑडिटर्स SR Batliboy and Associates ने चेतावनी दी है कि कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन्स ने नगदी के प्रवाह को प्रभावित
किया है। हालांकि, इसके उलट कंपनी के टॉप मैनेजमेंट में रिजल्ट्स को लेकर उत्साह है। उनका कहना है कि सब्सक्राइबर्स के गंवाने की रफ्तार में कमी आई है। साथ भी रेवन्यू प्रति उपभोक्ता में सुधार हुआ
है। ये भी पढ़ें:23 डिफेंस कंपनियों के नाम रहा मई का महीना, 60% तक बढ़ा भाव जियो और एयरटेल के बीच पैठ बनाने में होगी मुश्किल वीआई ने अपनी 5जी सर्विसेज को दिल्ली एनसीआर, मुंबई, चंडीगढ़ और पटना
में इस तिमाही सर्विसेज शुरू की हैं। अब कंपनी की योजना है कि जहां 5जी एयरवेज़ हैं उन सभी 17 सर्कल में यह सर्विसेज शुरू की जा सकें। हालांकि, रिलायंस जियो और एयरटेल की बाजार में इस हिसाब से
मौजूदगी है वैसे वीआई की अपनी पैठ बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।