रोहतक पीजीआई में बच्ची को नहीं मिला वेंटिलेटर, मौत; छतरपुर का रहने वाला था परिवार

रोहतक पीजीआई में बच्ची को नहीं मिला वेंटिलेटर, मौत; छतरपुर का रहने वाला था परिवार

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मूलरूप से मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ओटापुर्वा गांव निवासी पवन हाल में सोनीपत के गांव रायपुर में रहता है। वह राजमिस्त्री है। उसने बताया कि उसकी दो बेटियां थीं। बड़ी ढाई साल तो छोटी एक साल


की। Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Sun, 1 June 2025 10:22 PM Share Follow Us on __ हरियाणा में स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की सरकारी पोल खुल गई। हरियाणा के सबसे बड़े सरकारी स्वास्थ्य


संस्थान रोहतक पीजीआई में वेंटिलेटर न मिलने के कारण मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की एक बच्ची की मौत हो गई। बच्ची कई घंटों तक जिंदगी और मौत से लड़ती रही। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची।


पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि मामला बच्ची के पानी में डूबने का है। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जा रही है और शिकायत दर्ज की जा चुकी


है। नहाते वक्त पानी के टब में डूबी थी बच्ची मूलरूप से मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ओटापुर्वा गांव निवासी पवन हाल में सोनीपत के गांव रायपुर में रहता है। वह राजमिस्त्री है। उसने बताया कि उसकी


दो बेटियां थीं। बड़ी ढाई साल तो छोटी एक साल की। एक वर्षीय प्राशिता नहाते वक्त पानी के टब में डूब गई, जिसे सोनीपत के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से गंभीर हालत में बच्ची को रोहतक


पीजीआई रेफर कर दिया गया। परिजन बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे। बच्ची की मां नोनी ने बताया कि वेंटिलेटर का इंतजाम कराने के लिए हमने डॉक्टरों के आगे हाथ-पांव जोड़े, मिन्नतें की, मगर वेंटिलेटर


नहीं मिला। डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि किसी पहुंच वाले शख्स के फोन करने से वेंटिलेटर मिल जाएगा, लेकिन हमें यहां कोई जानता नहीं था, जिसके कारण बच्ची को वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। हम गरीब परिवार


से हैं इसलिए बच्ची का इलाज प्राइवेट अस्पताल में नहीं करवा पाए और उसे पीजीआई में भर्ती कराया था। बच्ची को बचाने का पूरा प्रयास किया: पीजीआई प्रशासन इधर, पीजीआई प्रशासन ने बच्ची का जीवन बचाने


के लिए हर संभव प्रयास करने का दावा किया है। रोहतक पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल सोनीपत से गंभीर हालत में संस्थान लाई गई बच्ची का इलाज किया गया है। उसकी हालत नाजुक थी और बचने की


संभावना नहीं थी। विभाग में वेंटिलेटर खाली नहीं था, इसलिए वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। बच्ची के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। रिपोर्ट: मोनी देवी