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ट्रंप ने कहा कि ईरान के साथ किसी भी परमाणु समझौते में यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह बयान ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रही अंतरराष्ट्रीय वार्ताओं को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में स्पष्ट किया कि ईरान के साथ संभावित परमाणु समझौते के तहत अमेरिका किसी भी स्तर पर यूरेनियम संवर्धन (एनरिचमेंट) की
अनुमति नहीं देगा। हालांकि उन्होंने इस टिप्पणी के संबंध में और अधिक जानकारी नहीं दी। यह बयान उस समय आया है जब Axios की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिकी वार्ताकारों ने ईरान को एक ऐसा
प्रस्ताव दिया है जिसमें सीमित और निम्न-स्तरीय यूरेनियम संवर्धन की अनुमति दी जाएगी। इस रिपोर्ट पर ईरान की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। ट्रंप इससे पहले भी बार-बार यह संकेत
दे चुके हैं कि ईरान के साथ कोई समझौता अब जल्द हो सकता है, लेकिन अगर वार्ता विफल होती है तो ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की संभावना भी बनी हुई है। ट्रंप ने पिछले सप्ताह यह भी कहा था कि
उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि इस समय ईरान पर सैन्य हमला "अनुचित" होगा क्योंकि "हम समाधान के बहुत करीब हैं।" नेतन्याहू और इजरायल की सरकार
लंबे समय से यह मांग करती रही है कि ईरान को किसी भी स्तर पर यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, भले ही वह ऊर्जा उत्पादन और अन्य शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए क्यों न हो। उधर ईरान ने
लगातार यह स्पष्ट किया है कि वह ऐसा कोई भी समझौता स्वीकार नहीं करेगा जिसमें उसे कम-स्तर पर यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं दी जाए। मौजूदा समय में ईरान अत्यधिक स्तर पर यूरेनियम का संवर्धन कर
रहा है, जो परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए आवश्यक स्तर के बेहद करीब है। परमाणु संवर्धन के अलावा, ईरान की प्रमुख मांग यह भी है कि अमेरिका उसे यह स्पष्ट गारंटी दे कि समझौते के तहत उस पर लगे
प्रतिबंध किस तरह और कब हटाए जाएंगे। हालांकि, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघई ने सोमवार को कहा कि अमेरिका ने अभी तक इस पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया है। ईरान और अमेरिका के
बीच जारी यह खींचतान न केवल पश्चिम एशिया की शांति के लिए एक चुनौती है, बल्कि वैश्विक तेल बाजारों में अस्थिरता और संभावित युद्ध की आशंका भी बढ़ा सकती है। ये भी पढ़ें:ईरान के परमाणु ठिकानों पर
अटैक कर सकता है इजरायल, US को ब्लैकमेल करने की तैयारी! ये भी पढ़ें:तालिबान को क्यों दी जा रही इतनी अहमियत, पाक-चीन से लेकर ईरान तक, बढ़ा रहे दोस्ती ईरान के बढ़ते यूरेनियम भंडार से जुड़ी
रिपोर्ट पर ईरानी विदेश मंत्री ने आईएईए प्रमुख से की बात ईरान के विदेश मंत्री ने रविवार सुबह संयुक्त राष्ट्र (संरा) की परमाणु निगरानी एजेंसी आईएईए के निदेशक से फोन पर बात की। इसके पहले
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान संवर्धित यूरेनियम के अपने भंडार में बढ़ोतरी कर रहा है जो करीब-करीब हथियार बनाने योग्य स्तर का है। ‘टेलीग्राम’ ऐप
पर अब्बास अराघची ने लिखा कि उन्होंने वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी के साथ अपनी बातचीत में ईरान के ‘निरंतर सहयोग’ पर जोर दिया। आईएईए ने
फोन कॉल के बारे में पूछे जाने पर तुरंत कोई जवाब नहीं दिया है। आईएईए की गोपनीय रिपोर्ट, जिसे शनिवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने देखा, में सख्त चेतावनी देते हुए कहा गया है कि ईरान अब ऐसी सामग्री
का उत्पादन करने वाला परमाणु हथियार से रहित एकमात्र देश है। रिपोर्ट में इसे ‘गंभीर चिंता’ का विषय बताया गया है। अराघची ने ग्रॉसी से बातचीत में इस चीज पर जोर दिया कि ईरान की सभी परमाणु
गतिविधियां समझौतों के ढांचे के भीतर हैं और आईएईए द्वारा उनकी निगरानी की जा रही है। आईएईए ने एक अलग रिपोर्ट में कहा कि ईरान के कई स्थानों पर (जिन्हें तेहरान परमाणु स्थल घोषित करने में विफल
रहा है) आईएईए निरीक्षकों द्वारा यूरेनियम की मौजूदगी के निशानों का पता लगाए जाने के मामले में उसके (एजेंसी) साथ ईरान का सहयोग ‘संतोषजनक’ नहीं रहा है। अराघची ने ग्रॉसी से यह भी सुनिश्चित करने
को कहा कि “कुछ पक्षकार ईरानी लोगों के खिलाफ राजनीतिक एजेंडे के लिए एजेंसी का दुरुपयोग ना करें।” यूरोपीय देश व्यापक रिपोर्ट के आधार पर ईरान के खिलाफ और कदम उठा सकते हैं, जिससे ईरान और पश्चिम
के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। क्या होता है यूरेनियम संवर्धन? यूरेनियम संवर्धन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्राकृतिक यूरेनियम में मौजूद यूरेनियम-235 (U-235) आइसोटोप की सांद्रता को बढ़ाया जाता
है। प्राकृतिक यूरेनियम में यूरेनियम-235 की मात्रा केवल 0.7% होती है, जबकि बाकी हिस्सा यूरेनियम-238 होता है। यूरेनियम-235 ही वह आइसोटोप है जो परमाणु विखंडन के लिए उपयुक्त है, जिसका उपयोग
परमाणु रिएक्टरों में ऊर्जा उत्पादन या परमाणु हथियारों में किया जाता है। (इनपुट एजेंसियां)