'तब वर्चुअल भोजन के लिए भी तैयार रहिए', बकरीद को लेकर नितेश राणे के बयान पर एनसीपी का तंज

'तब वर्चुअल भोजन के लिए भी तैयार रहिए', बकरीद को लेकर नितेश राणे के बयान पर एनसीपी का तंज

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अबू आजमी ने कहा, 'महाराष्ट्र में देख रहे हैं कि कुर्बानी के लिए नियम बनाकर रखा है। इस बीच राज्य का एक मंत्री इस तरह की बातें करे तो मैं समझता हूं कि यह शोभा नहीं देता है। आप इस पर


कंट्रोल कीजिए। ये नफरत का पुजारी बन गया है।' Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 3 June 2025 10:00 PM Share Follow Us on __ महाराष्ट्र के मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे


के बकरीद को लेकर दिए बयान पर हंगामा खड़ा हो गया है। पर्यावरणविदों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'कुछ लोग हमें हमारे त्योहारों जैसे होली और दीवाली में


पटाखों और रंगों का उपयोग न करने की सलाह देते हैं, पर्यावरण की चिंता का हवाला देकर। अब वे कहां हैं? बकरीद का वर्चुअल उत्सव (जिसमें पशु बलि शामिल न हो) मनाने की अपील क्यों नहीं की जा रही? वे


पशु प्रेमी जो होली और दीवाली के लिए वर्चुअल उत्सव की बात करते हैं, अब कहां चले गए?' ये भी पढ़ें:MP: एक गांव में बकरीद पर कुर्बानी की इजाजत नहीं मिली, HC पहुंचा मामला, क्या हुआ? ये भी


पढ़ें:बकरीद से पहले इस मुस्लिम देश में कुर्बानी पर रोक, बकरों के लिए छापेमारी नितेश राणे के इस इस बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने तीखी


प्रतिक्रिया दी। मंगलवार को उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'महाराष्ट्र के नेता बहुत तकनीकी रूप से डेवलप कर गए हैं। यह एक अच्छा विचार है। कल को वे कहेंगे कि भोजन भी वर्चुअल रूप से खाना चाहिए।


हमें वर्चुअल भोजन खाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।' आव्हाड का यह बयान राणे की टिप्पणी पर व्यंग्यात्मक जवाब है और उन्होंने राणे के वर्चुअल बकरीद के सुझाव का कुछ इस तरह मजाक उड़ाया।


नितेश राणे के बयान पर भारी हंगामा राज्य सरकार में मंत्री राणे के बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है, खासकर बकरीद से पहले। उनके बयान को कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को


भड़काने वाला माना है। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने भी राणे की आलोचना करते हुए कहा कि देश संविधान से चलेगा, न कि नफरत की राजनीति से। उन्होंने कहा, 'यह कोई हिंदू देश नहीं है। यह


किसी के बाप की जागीर नहीं है। देश डॉ. बीआर आंबेडकर के संविधान से चलेगा। संविधान के खिलाफ जाने वालों को आप सजा दीजिए। लेकिन दिन रात इनके मुंह में सिर्फ नफरत है। मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र


फडणवीस से आग्रह करता हूं कि वे ऐसे बयान देने वालों पर लगाम लगाएं।'