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देश में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। शनिवार शाम को ही यह आंकड़ा तीन हजार को पार कर गया। वहीं 24 घंटे में 4 मरीजों की जान चली गई। देश में कोरोना एक बार फिर तेजी से
पैर पसार रहा है। शनिवार शाम की रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़ा 3 हजार के पार हो गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 3,000 से अधिक हो गई है। आंकड़ों के अनुसार केरल में सबसे अधिक
1,336 लोग संक्रमित हैं। इसके बाद महाराष्ट्र और फिर राजधानी दिल्ली का नंबर आता है। मंत्रालय के अनुसार, बीते 24 घंटे में देश में कुल चार रोगियों की मौत हुई है। दिल्ली, केरल, कर्नाटक और उत्तर
प्रदेश में एक-एक व्यक्ति ने जान चली गई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत में कोविड-19 की स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। सूत्रों ने कहा कि संक्रमण की गंभीरता कम है, ज्यादातर मरीजों की
घर पर ही देखभाल की जा रही है और चिंता की कोई बात नहीं है। देश में 22 मई को रोगियों की संख्या 257 थी। 26 मई तक यह आंकड़ा बढ़कर 1,010 हो गया और शनिवार को 3,395 पर पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक
पिछले 24 घंटे में 685 नए मामले सामने आए हैं और चार लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों में कहा गया है कि केरल में 1,336, महाराष्ट्र में 467, दिल्ली में 375, गुजरात में 265, कर्नाटक में 234, पश्चिम
बंगाल में 205, तमिलनाडु में 185 और उत्तर प्रदेश में 117 लोग संक्रमित हैं। वहीं, ओडिशा में दो और लोगों के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में कुल मामलों की संख्या सात हो गई है।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव अश्वथी एस ने यह जानकारी दी। उन्होंने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है। उन्होंने कहा, "आईसीएमआर की ताजा रिपोर्ट में कहा गया
है कि मौजूदा स्वरूप में गंभीर लक्षण नहीं दिखते और ज्यादातर मामले हल्के हैं। साथ ही, केंद्र ने कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं, लेकिन सभी को बदलते मौसम के मद्देनजर सतर्क रहने की सलाह दी
है।" अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार आवश्यक सावधानी बरत रही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने सोमवार को कहा था कि पश्चिम और दक्षिण भारत में नमूनों की
जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि नये स्वरूप गंभीर नहीं हैं और ये ओमीक्रॉन के उप-स्वरूप हैं। उन्होंने कहा था कि ओमीक्रोन के चार उपस्वरूप एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी. 1.8.1 सामने आए हैं।
उन्होंने कहा था कि पहले तीन स्वरूप के मामले ज्यादा हैं। डॉ. बहल ने कहा था, “हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। इस समय, कुल मिलाकर, हमें निगरानी रखनी चाहिए, सतर्क रहना चाहिए, लेकिन चिंता की
कोई बात नहीं है।”