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एक मीडिया हाउस ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में भाजपा सूत्रों के हवाले से बताया था कि पार्टी मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर घर-घर सिंदूर बांटेगी। हालांकि अब पार्टी ने ऐसी
किसी बात से इनकार किया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को भाजपा पर एक नई स्कीम 'वन नेशन वन हसबैंड' लाने का आरोप लगाया है। संजय सिंह ने कहा
कि इस योजना के तहत भाजपा के कार्यकर्ता मोदी जी के नाम का सिंदूर घर-घर लेकर जाएंगे और पार्टी का प्रचार करेंगे। सिंह ने इसे वोट के लिए भाजपा की घटिया राजनीति बताया और कहा कि भारत में महिलायें
अपने पति की लंबी उम्र के लिए अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं। संजय सिंह ने यह आरोप हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से लगाया है, जिसका खंडन खुद भारतीय जनता पार्टी कर चुकी है। इस
रिपोर्ट में बताया गया था कि मोदी 3.0 सरकार की पहली वर्षगांठ पर भाजपा 9 जून से घर-घर सिंदूर पहुंचाएगी। हालांकि शनिवार को उसी मीडिया हाउस ने भी अपनी इस खबर को गलत बताते हुए इसका खंडन कर दिया।
सोशल मीडिया पर शेयर किए अपने वीडियो में संजय सिंह ने कहा, 'जय हिंद साथियों, भारतीय संस्कृति में महिलाएं, अपने पति की लंबी उम्र के लिए अपनी मांगों में सिंदूर भरती हैं। अपनी पति की लंबी
उम्र की कामना के लिए, उनकी उन्नति के लिए, उनकी तरक्की के लिए, उनके विकास के लिए दिन-रात प्रार्थनाएं करती हैं। उनके माथे का सिंदूर उनके पति का सम्मान है, गौरव है, स्वाभिमान है। लेकिन देश के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की स्कीम के बाद, 'वन प्राइम मिनिस्टर, वन मिनिस्टर' यानी रक्षामंत्री, विदेश मंत्री सारे मंत्री वही। 'वन नेशन, वन
राशन' ये सारी स्कीम्स के बाद अब नई स्कीम लेकर आए हैं मोदी जी, 'वन नेशन, वन हसबैंड'। इस स्कीम के तहत प्रधानमंत्री घर-घर सिंदूर भिजवा रहे हैं, अपने नाम का सिंदूर, मोदी के नाम का
सिंदूर, क्या इस देश की महिलाएं मोदी को अपना पति मान लेंगी। क्या मोदीजी चाहते हैं कि उनको अपना पति मान लें, सारे देश की सारी महिलाएं। एक देश में उनका एक पति हो, वन नेशन, वन हसबैंड, यह किस
प्रकार की मानसिकता है।' आगे उन्होंने कहा, 'आप ही रक्षा मंत्री बन जाते हो, आप ही विदेश मंत्री बन जाते हो, आप वायु सेना के अध्यक्ष बन जाते हो, आप थल सेना के अध्यक्ष बन जाते हो, आप
ब्रिगेडियर, आप कर्नल, आप सबकुछ बन जाते हो। सिंदूर के नाम पर कितनी घटिया राजनीति करेगी भाजपा। कितना बेचेगी ऑपरेशन सिंदूर को। अभी तक वो चार खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादी, जिन्होंने हमारी बहनों के
सिंदूर पहलगाम में उजाड़े, वो अब तक पकड़े नहीं गए, वो अबतक मारे नहीं गए। अभीतक पीओके पर हमारा कब्जा नहीं हुआ, ट्रम्प के दबाव में आपने सीजफायर कर दिया।' इसके बाद AAP नेता ने कहा,
'मोदीजी अब आपने ऑपरेशन सिंदूर को बेचने की शुरुआत कर दी है। पूरे देश में भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाएगा और महिलाओं को सिंदूर देगा, मोदी के नाम का सिंदूर देगा। किस बात के नाम का सिंदूर
देगा, क्या हैं आप मोदीजी। क्या आपने उन महिलाओं की भावनाओं के बारे में सोचा, उनके विचार के बारे में सोचा, सिंदूर के महत्व के बारे में सोचा। दो चुटकी सिंदूर का क्या महत्व है, क्या आप उसको
जानते हैं मोदी जी। तो इसलिए ये वन नेशन, वन हसबैंड की जो स्कीम लेकर आप आए हैं, मोदीजी उसको बंद कीजिए। इस देश की महिलाएं अपने पति के नाम का सिंदूर अपने माथे में लगाएंगी, अपनी मांगों में
भरेंगी, आप कृपया करके अपने नाम का सिंदूर भरवाने का ये ओछा प्रयास ना कीजिए।' एक मीडिया हाउस ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया था कि भाजपा मोदी सरकार के तीसरे
कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर घर-घर सिंदूर बांटेगी। जिसके बाद बुरी तरह किरकिरी होने के बाद पार्टी की सोशल मीडिया टीम के प्रमुख अमित मालवीय ने इस खबर को गलत बताते हुए घर-घर सिंदूर बांटने
की ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया था। जबकि उसी मीडिया हाउस ने शनिवार को सफाई देते हुए खुद भी इस खबर को गलत बता दिया। हालांकि इसके बाद भी संजय सिंह ने इस योजना को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार
पर तीखा हमला बोला और उसे निशाने पर लिया। 28 मई को प्रकाशित उस खबर का खंडन करते हुए मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'बहुत सारे लोग इस #FakeNews के आधार पर सोशल मीडिया पर अपनी
प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लेकिन हद तो तब हो गई जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, एक अधिकृत सरकारी मंच से, एक ट्रोल की तरह इस आधारहीन खबर को लेकर राजनीति करने लगीं। ममता बनर्जी को अपने प्रदेश की
बदहाली की चिंता करनी चाहिए, और देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बेतुकी बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिए। पश्चिम बंगाल संप्रदायिकता की आग में जल रहा है, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं,
बेरोज़गारों के पास रोज़गार नहीं है — ये ममता बनर्जी की प्राथमिकताएं होनी चाहिए। कांग्रेस के प्रवक्ता हल्के लोग हैं, उनसे बेहतर की अपेक्षा करना भी उचित नहीं है।'