ट्रैक्टर परेड हिंसा में घायल हुए पुलिसवालों ने सुनाई आपबीती, बताया- क्यों कुछ नहीं कर पाई दिल्ली पुलिस?

ट्रैक्टर परेड हिंसा में घायल हुए पुलिसवालों ने सुनाई आपबीती, बताया- क्यों कुछ नहीं कर पाई दिल्ली पुलिस?

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दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई हिंसा देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। हिंसा के दौरान...


दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई हिंसा देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। हिंसा के दौरान


गंभीर रूप से घायल हुए कुछ पुलिस कर्मियों ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि कैसे भीड़ ने उन्हें घेरकर मारा और पुलिस क्यों कुछ नहीं कर पाई।  उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद थाने के एसएचओ पीसी यादव ने


बताया कि हम लाल किले में तैनात थे जब कई लोग वहां घुस गए। हमने उन्हें लाल किले की प्राचीर से हटाने की कोशिश की, लेकिन वे आक्रामक हो गए। हम किसानों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करना चाहते थे, इसलिए


हमने यथासंभव संयम बरता। > #WATCH | We were deployed at Red Fort when many people entered > there. We tried to remove them from the rampart of the fort but they > became 


aggressive....We didn't want to use force against farmers so > we exercised as much restraint as possible: PC Yadav, SHO Wazirabad. > #Delhi pic.twitter.com/v6o7D57EAk — ANI


(@ANI) January 27, 2021 किसानों के हमले में घायल हुए मोहन गॉर्डन के SHO बलजीत सिंह ने बताया कि नजफगढ़ रोड पर हमने बैरिकेड से रास्ता रोका था। किसान प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर नजफगढ़ की तरफ से


आए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिया और पथराव शुरू कर दिया। वे बहुत हिंसक थे और उनके पास हर तरह के हथियार थे। कई ने शराब भी पी थी। वहीं, डीसीपी नॉर्थ, दिल्ली के ऑपरेटर संदीप ने बताया कि कई हिंसक


लोग अचानक लाल किला पहुंच गए। नशे में धुत किसान या वे जो भी थे, उन्होंने हम पर अचानक तलवार, लाठी-डंडों और अन्य हथियारों से हमला कर दिया। स्थिति बिगड़ रही थी और हिंसक भीड़ को नियंत्रित करना


हमारे लिए बहुत मुश्किल था। > नजफगढ़ रोड पर हमने > बैरिकेड से रास्ता रोका > था। किसान प्रदर्शनकारी > ट्रैक्टर लेकर नजफगढ़ की > तरफ से आए। उन्होंने > बैरिकेड तोड़ दिया और


> पथराव शुरू कर दिया। वे > बहुत हिंसक थे और उनके पास > हर तरह के हथियार थे। कई ने > शराब भी पी थी: किसानों के > हमले में घायल हुए मोहन > गॉर्डन के SHO बलजीत सिंह > 


pic.twitter.com/DLzwYaGe9I — ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021 हिंसा के मामले में 22 एफआईआर दर्ज  किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अभी तक


22 एफआईआर दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की


पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो खंगाले जा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हिंसा के बाद राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल


किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। अतिरिक्त पीआरओ (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 एफआईआर


दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।   > Many violent people reached Red Fort suddenly. Drunken farmers or > whoever they were, attacked us 


suddenly with swords, lathis, and > other weapons. The situation was worsening and it was too difficult > for us to control the violent crowd: Sandeep, Operator of DCP North, > 


Delhi pic.twitter.com/UKVkcKi0QI — ANI (@ANI) January 27, 2021 चार रूटों पर निकाली जानी थी ट्रैक्टर परेड एसकेएम की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का प्रस्ताव पेश किया गया


था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुई थी। पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार रास्तों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन


मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघु बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय रास्तों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे। उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद


निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के बैरिकेड्स तोड़ दिए। गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद गाजीपुर एवं सिंघु बॉर्डर से आए


किसानों की एक बड़ा समूह आईटीओ पहुंच गया और उसने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने बैरिकेड्स 


तोड़ दिए तथा वहां मौजूद पुलिस कर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि, बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया, लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए। बयान के


अनुसार, मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे। वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे,


जिस पर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।