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दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में जमीन विवाद गहराता जा रहा है। डीडीए और यूपी सरकार ने यहां के लोगों को 15 दिन में घर खाली करने का नोटिस दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से भी अभी कोई राहत नहीं मिली
है। राजधानी दिल्ली के बाटला हाउस में इन दिनों बुलडोजर का खौफ छाया हुआ है। मुरादी रोड और खिजर बाबा कॉलोनी के निवासियों के घरों और दुकानों पर लाल निशान लग चुके हैं। इन घरों पर दिल्ली विकास
प्राधिकरण यानी डीडीए और यूपी सिंचाई विभाग की ओर से 11 जून से शुरू होने वाली तोड़फोड़ की तलवार लटक रही है। सुप्रीम कोर्ट के 7 मई के आदेश के बाद शुरू हुई इस कार्रवाई ने इलाके में हड़कंप मचा
दिया है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश और बाटला हाउस में बेचैनी सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था, जिसमें पीएम-उदय योजना के दायरे से बाहर की कॉलोनियों को
तोड़ने की बात कही गई। इस आदेश के तहत डीडीए ने मुरादी रोड पर 2.8 बीघा और यूपी सिंचाई विभाग ने खिजर बाबा कॉलोनी में 4.5 बीघा जमीन पर बने मकानों को अवैध करार दिया। 26 मई को इमारतों पर नोटिस
चस्पा किए गए, जिनमें 15 दिन में घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था। ईद से ठीक पहले आई इस खबर ने इलाके के ज्यादातर मुस्लिम परिवारों में डर और अनिश्चितता फैला दी। इलाके में रहने वाले लोगों
को उनके घर टूटने और सड़क पर आने का डर सता रहा है। यूपी सरकार से क्या कनेक्शन? यूपी सिंचाई विभाग का दावा है कि खिजर बाबा कॉलोनी की जमीन उनकी है, लेकिन निवासियों का कहना है कि वे दशकों से यहां
रह रहे हैं और उनके पास बिजली बिल, किराया डीड और प्रॉपर्टी टैक्स जैसे दस्तावेज हैं। वहीं, डीडीए का कहना है कि ये इलाके पीएम-उदय योजना के दायरे से बाहर हैं। लेकिन यहां रह रहे लोगों का दावा है
कि उनके पास 2014 से पहले के दस्तावेज हैं, जो उन्हें यहां रहने का अधिकार देते हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और कानूनी जंग 40 से ज्यादा लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें
सीनियर वकील संजय हेगड़े ने तर्क दिया कि नोटिस बिना उचित सुनवाई के चस्पा किए गए, जो प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। कोर्ट ने 2 जून को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, लेकिन मामले को जुलाई में
सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। कोर्ट ने कहा, 'हम छुट्टियों में इस पर विस्तार से सुनवाई नहीं करेंगे।' खिजर बाबा कॉलोनी के 115 परिवारों को दिल्ली हाई कोर्ट से 4 अगस्त तक की अस्थायी
राहत मिली है। वकील फारुख खान ने बताया कि यूपी सिंचाई विभाग पहले भी ओखला में जमीन के दावों में हार चुका है। स्थानीय लोग अब पीएम-उदय योजना और प्रॉपर्टी राइट्स एक्ट 2019 के तहत अपनी जमीन को
नियमित कराने की कोशिश में हैं। क्या है बाटला हाउस की जमीन का विवाद? बाटला हाउस, दिल्ली के जामिया नगर इलाके में स्थित एक घनी आबादी वाला इलाका है, जो मुरादी रोड और खिजर बाबा कॉलोनी जैसे
क्षेत्रों में बंटा है। यहां की जमीन को लेकर विवाद की जड़ें डीडीए और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के दावों से जुड़ी हैं, जो अब सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद बुलडोजर की कार्रवाई के रूप में
सामने आ रही हैं। डीडीए ने मुरादी रोड पर करीब 3 बीघा जमीन को अवैध घोषित किया है, तो वहीं यूपी सरकार के सिंचाई विभाग ने खिजर बाबा कॉलोनी के साढ़े 4 बीघा जमीन पर अपना दावा जताया है। दोनों ही
जगहों पर मकानों और दुकानों को 15 दिन में खाली करने के नोटिस जारी किए गए। वहीं यहां के निवासियों का कहना है कि उनकी जमीन को गलत तरीके से अवैध बताया जा रहा है, जबकि उनके पास वैध दस्तावेज हैं।
10 जून को घर खाली करने की डेडलाइन है, ऐसे में यहां के लोग डर और चिंता के माहौल में जीने को मजबूर हैं।