कटियार के हस्तक्षेप पर रखी गुर्जर रिपोर्ट

कटियार के हस्तक्षेप पर रखी गुर्जर रिपोर्ट

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Hindi NewsIndia Newsकटियार के हस्तक्षेप पर रखी गुर्जर रिपोर्ट राजस्थान के गुर्जर आंदोलनकारियों की धमकी के चलते संगीनों के साये में संसदीय सौंध में शुरू हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक


में गुर्जरों पर शुरूआती चर्चा से कार्यकारणी कतराती रही। राष्ट्रीय... Sujeet Kumar Sun, 15 March 2009 01:00 PM Share Follow Us on __ राजस्थान के गुर्जर आंदोलनकारियों की धमकी के चलते संगीनों


के साये में संसदीय सौंध में शुरू हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में गुर्जरों पर शुरूआती चर्चा से कार्यकारणी कतराती रही।राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपने उदघाटन भाषण में भी गुर्जर


आंदोलन पर विस्तार से कोई जिक्र न करते हुये सिर्फ आंदोलन में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि की औपचारिकता पूरी की। राजस्थान की रिपोर्ट पेश करते हुये राय के पूर्व अध्यक्ष महेश शर्मा ने सांगठनिक


बातें तो कीं लेकिन गुर्जर आंदोलन का जिक्र तक नहीं किया।इस पर महासचिव विनय कटियार ने हस्तक्षेप करते हुये गुर्जर आंदोलन पर चर्चा की मांग की। उनकी मांग का समर्थन उत्तर प्रदेश से पार्टी के


विधायक हुकुम सिंह ने किया। पार्टी सांसद प्यारे लाल खंडेलवाल दिल्ली में रहते हुये कार्यकारणी में नहीं आये।वहां लाशों के ऊपर जिस तरह से राजनीति की जा रही है उससे वह नाराज हैं। इन्हीं स्थितियों


के चलते आलाकमान ने सोचा कि गुर्जर आंदोलन पर यदि चर्चा नहीं की जायेगी तो गलत संदेश जायेगा। इसके बाद ही महासचिव और राजस्थान के प्रभारी गोपीनाथ मुंडे ने आंदोलन पर अपनी रिपोर्ट रखी।याद रहे कि


राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुधरा राजे और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओम माथुर बैठक में नहीं आये हैं। मुंडे ने अपनी रिपोर्ट में कार्यकारणी को बताया कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के समाधान के लिए स्थिति


बातचीत के लिए अनुकूल बनी है और कुछड्ढr निजी संगठन भी इस मसले का समाधान कराने में सरकार को सहयोग दे रहे हैं।श्री मुंडे ने कहा कि गुर्जरों के आरक्षण की मांग काफी लम्बे समय से चली आ रही है और


पिछली सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व में इस आरक्षण की समस्या के समाधान के लिए कटारिया समिति और अब चोपड़ा आयोग बना था तथा उन्होंने गुर्जरों के आरक्षण के लिए कुछ


सिफारिशें भी की थीं लेकिन उन्हें अनुसूचित जाति को मिले आरक्षण दायरे में लाने का अधिकार केन्द्र सरकार को ही है।उसके लिए राय सरकार अपने स्तर पर कुछ नही कर सकती। उन्होंने कहा कि फिर भी राय


सरकार ने उन्हे घुमंतू समुदाय की श्रेणी के तहत चार से छह प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश केन्द्र सरकार को एक पत्र द्वारा की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के इस सुझाव पर केन्द्र की संप्रग


सरकार ने कोई ध्यान नही दिया है।उन्होंने कहा कि राय में 4प्रतिशत आरक्षण की सुविधा पहले से ही दी जा रही है। इसलिए गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग राय सरकार पूरा नहीं कर


सकती। कहा कि राजस्थान सरकार ने पिछले वर्ष गुर्जरों के आर्थिक विकास के लिए 282 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है जो केवल एक वर्ष के लिए है। उन्होंने कहा कि राय सरकार गुर्जरों के उत्थान के लिए


कृतसंकल्प है।