बर्खास्तगी और एफआइआर नहीं

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राज्य सरकार ने दो दिन पूर्व कतिपय आरोपों में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद, सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह और पूर्व सदस्य राधा गोविंद सिंह नागेश के बार में लिये गये फैसले में


संशोधन... htranchi2 htranchi2 Sun, 15 March 2009 01:00 PM Share Follow Us on __ राज्य सरकार ने दो दिन पूर्व कतिपय आरोपों में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद, सदस्य गोपाल


प्रसाद सिंह और पूर्व सदस्य राधा गोविंद सिंह नागेश के बार में लिये गये फैसले में संशोधन किया है। संशोधन के बाद अब राज्य सरकार राष्ट्रपति से दिलीप कुमार प्रसाद और गोपाल प्रसाद सिंह के विरुद्ध


आरोपों की विधिवत जांच करा कर उन्हें पद से हटाने पर विचार करने का आग्रह करगी।ड्ढr इसी तरह नागेश के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की राष्ट्रपति से अनुशंसा नहीं करगी। उन पर लगे आरोपों की


प्रशासी विभाग (कार्मिक) से जांच करायेगी।ड्ढr जानकारों के अनुसार राज्य सरकार को राष्ट्रपति से ऐसी अनुशंसा करने का अधिकार नहीं है। वह संविधान की धारा 317(1) के तहत राष्ट्रपति से लोक सेवा आयोग


के अध्यक्ष और सदस्यों के विरुद्ध लगे आरोपों की जांच कराने और हटाने का आग्रह कर सकती है। नागेश के बार में भी गलती यह हुई कि आयोग के सदस्य पद से हटने के बाद वे राज्य सरकार के कर्मचारी के दायर


में आ गये। इस कारण उनके विरुद्ध लगे आरोपों की जांच खुद राज्य सरकार को कराने का प्रावधान है। फिर उनके विरुद्ध विरुद्ध जांच प्रतिवेदन के आधार पर खुद कार्रवाई करने के लिए सक्षम है।