जन्माष्टमी पर मोहम्मद इस्लाम ने पेश की सद्भावना की मिसाल

जन्माष्टमी पर मोहम्मद इस्लाम ने पेश की सद्भावना की मिसाल

Play all audios:

Loading...

एक तरफ जहां बोकारो कुछ समय पूर्व सांप्रदायिक हिंसा के चलते चर्चा में रहा था, वहीं अब इस जिले के भंडारीदह में जन्माष्टमी पर एक शख्स ने सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश की। महजब की दीवार तोड़कर


मोहम्मद... __ एक तरफ जहां बोकारो कुछ समय पूर्व सांप्रदायिक हिंसा के चलते चर्चा में रहा था, वहीं अब इस जिले के भंडारीदह में जन्माष्टमी पर एक शख्स ने सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश की। महजब


की दीवार तोड़कर मोहम्मद इस्लाम नदाफ मंदिर पहुंचे और कार्यक्रम में हिस्सेदारी की। वह हर साल और हर पर्व-त्योहार ऐसे ही मनाते हैं। उन्हें क्षेत्र का हर शख्स इसी वजह से जानता है। मो.इस्लाम का


मानना है कि हमारा देश एक माला के समान है। हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई इस माला के मोती हैं। हर धर्म एक समान : सेल रिफैक्ट्रीज यूनिट (एसआरयू) भंडारीदह में अवर सुरक्षा निरीक्षक के पद पर कार्यरत


मो. इस्लाम के अनुसार, उन्हें हर धर्म से प्यार है। राम-रहीम व कृष्ण-करीम के आदेश पर ही कुछ करने की ऊर्जा मिलती है। लोगों को सभी धर्मों के प्रति सद्भाव रखना चाहिए। जबतक भंडारीदह में रहेंगे,


मंदिर को सहयोग देते रहेंगे। वे 1980 से भंडारीदह में कार्यरत हैं। राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका: जहां एक ओर धर्म, जाति, क्षेत्रवाद के नाम पर आए दिन झगड़े-फसाद होते हैं, वहीं मोहम्मद इस्लाम


ने भंडारीदह में राममंदिर निर्माण से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक में आर्थिक व शारीरिक सहयोग कर मिसाल पेश की। राममंदिर में जो भी आता है, वह उनकी सेवा भावना की तारीफ करता है। वे मंदिर के हर


पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन, शिवपुराण व कथा में पहुंचते हैं। इन्होंने मंदिर निर्माण के लिए दो दिन का वेतन भी दिया है। अभी तक साउंड सिस्टम, दो सीलिंग फैन और 22 बल्ब भी मंदिर में लगवाए हैं। प्रतिमाह


500 रुपए वे पूजा के लिए दान करते हैं। मंदिर कमेटी के सदस्य भी इनकी भावना का सम्मान करते हैं।