पीएम मोदी के संदेश का मूल पाठ, पढ़ें और देखें

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंगलवार रात को जारी राष्ट्र के नाम विशेष संदेश का मूल पाठ इस प्रकार है- मेरे प्यारे देशवासियों, दिवाली के पावन पर्व की समाप्ति नई आशाएं और नई खुशियों के साथ


हुई... प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंगलवार रात को जारी राष्ट्र के नाम विशेष संदेश का मूल पाठ इस प्रकार है- मेरे प्यारे देशवासियों, दिवाली के पावन पर्व की समाप्ति नई आशाएं और नई खुशियों के


साथ हुई होंगी। आज आप सभी से कुछ विशेष निवेदन करना चाहता हूँ। इस वार्ता में कुछ गंभीर विषय, कुछ महत्वपूर्ण निर्णय आप से साझा करूंगा। आपको ध्यान होगा कि जब आपने 2०14 मई में हमें जिम्मेदारी


सौंपी थी, तब विश्व की अर्थव्यवस्था में ब्रिक्स के सन्दर्भ में यह आम चर्चा थी की ब्रिक्स में जो 'आई' अक्षर है, वो इंडिया से जुड़ा हुआ है, लोग कहते थे ब्रिक्स में जो 'आई'


है, वह लुढ़क रहा है। लगातार दो साल के देशव्यापी अकाल के बावजूद भी, पिछले ढ़ाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकॉनमी में एक 'ब्राइट स्पॉट' अर्थात


चमकता सितारा के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। ऐसा नहीं है कि यह दावा हम कर रहे हैं, बल्कि यह आवाज इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड और वर्ल्ड बैंक से गूंज रही है। बहनों भाइयों, विकास की इस दौड़


में हमारा मूल मंत्र रहा है 'सबका साथ, सबका विकास'। यह सरकार गरीबों को समर्पित है और समर्पित रहेगी। गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई का मुख्य शस्त्र रहा है - गरीबों की देश की अर्थव्यवस्था


एवं सम्पन्नता में सक्रिय भागीदारी यानी गरीबों का सशक्तिकरण, गरीबों का एम्पावरमेंट। इस प्रयास की झलक आप लोगों को प्रधान मंत्री जनधन योजना, जनधन से जन सुरक्षा योजना, आर्थिक गतिविधियों के लिए


प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना, दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों के लिए स्टैंड अप इंडिया, गरीबों के घर गैस का चूल्हा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, किसानों की आमदनी सुरक्षित करने


के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, उनको अपने खेतों से सही उपज पाने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना और सही उपज का सही दाम पाने के लिए ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार


योजना - इन सब में ये सा़फ नजर आता है ये सरकार गांव, गरीब और किसान को समर्पित है। मेरे प्यारे देशवासियों पिछले दशकों में हम यह अनुभव कर रहे है कि देश में भ्रष्टाचार और कला धन जैसी बीमारियों


ने अपनी जड़ें जमा लीं हैं और देश से गरीबी हटाने में भ्रष्टाचार, ये काला धन, ये गोरखधंधे सबसे बड़ी बाधा हैं। एक तरफ तो विश्व में हम आर्थिक गति में तेजी से बढ़ने वाले देशों में सबसे आगे हैं।


दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की ग्लोबल रैंकिंग में दो साल पहले भारत करीब-करीब सौवें नंबर पर था। ढेर सारे कदम उठाने के बावजूद हम छिहत्तरवें नंबर पर पहुंच पाए हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि


भ्रष्टाचार और काले धन का जाल देश में कितने व्यापक रूप से बिछा है। भ्रष्टाचार की बीमारी को कुछ वर्ग विशेष के लोगों ने अपने स्वार्थ के कारण फैला रखा है। गरीबों के हक को नजर अंदाज़ कर ये खुद


फलते-फूलते रहे हैं। कुछ लोगों ने पद का दुरुपयोग करते हुए इसका भरपूर फायदा उठाया। दूसरी तरफ, ईमानदार लोगों ने इसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ी है। देश के करोड़ों नागरिकों ने ईमानदारी को जी करके दिखाया


है। हम प्राय: यह सुनते हैं कि गरीब ऑटो ड्राईवर अपनी गाडी में छूट गई सोने के आभूषण वाले बैग को उसके असली मालिक को कैसे ढूंढ़ कर लौटाता है, कई बार हम सुनते हैं कोई टैक्सी ड्राईवर यात्रियों का


कोई सामान अगर छूट जाता है, मोबाइल फोन रह जाता है तो अपने खर्चे से उनको ढूढ़ने जाता है, और पहुंचा देता है, अरे सब्जी बेचने वाला भी, सामान्य दुकान वाला भी अगर ग्राहक से गलती से ज्यादा पैसे ले


लिए तो तो उसको बुलाकर लौटा देता है। प्यारे देशवासियों, इस बात का ये सबूत है कि हिंदुस्तान का सामान्य से सामान्य नागरिक ईमानदार है, लेकिन हर देश के विकास के इतिहास में ऐसे क्षण आये हैं जब एक


शक्तिशाली और निर्णायक कदम की आवश्यकता महसूस की गई। इस देश ने यह वर्षों से महसूस किया है कि भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद - ऐसे नासूर हैं जो देश को विकास की दौड़ में पीछे धकेलते


हैं। देश, समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देते हैं। मेरे प्यारे देशवासियों, आतंकवाद की भयानकता को कौन नहीं जानता है? कितने निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने सोचा


है कि इन आतंकियों को पैसा कहां-कहां से मुहैया होता है? सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये, नकली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है। अनेक बार 500


और हजार रुपये के जाली नोट का कारोबार करने वाले पकड़े भी गए हैं और ये जाली नोट जब्त भी किये गये हैं। बहनों भाइयों, एक तरफ आतंकवाद और जाली नोटों का जाल देश को तबाह कर रहा है। दूसरी ओर


भ्रष्टाचार और काले धन की चुनौती देश के सामने बनी हुई है। हमने कार्य संभालने के तुरंत बाद भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करते हुए अनेक प्रभावी कदम उठाये हैं, जैसे: - काले धन की


जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में स्ढ्ढञ्ज का गठन किया। - विदेशों में जमा काले धन के लिए 2०15 में मजबूत कानून बनाने का काम किया। - काले धन को विदेश से लाने के लिए


विभिन्न देशों के साथ टैक्स समझौतों में परिवर्तन किया, नए समझौते किये। - अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ सूचना के आदान-प्रदान का प्रावधान किया। - भ्रष्टाचारियों की बेनामी संपत्ति को रोकने


के लिए अगस्त 2०16 में एक और मज़बूत कानून बनाया। - इस कानून से एक बहुत बड़े चोर दरवाजे को बंद कर दिया गया। - देश में अघोषित आय को जुर्माने के साथ घोषित करने की योजना में काफी बड़ी मात्रा में


अघोषित आय उजागर हुई। मेरे प्यारे देशवासियों, इन सारे प्रयासों से, पिछले ढाई सालों में भ्रष्टाचारियों से करीब करीब सवा लाख करोड़ रुपये का काला धन बाहर आया है। ऐसे करोड़ों भारतवासी जिनके रग-रग


में ईमानदारी दौड़ती है, उनका मानना है कि भ्रष्टाचार, काले धन, बेनामी संपत्ति, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक होनी चाहिए। कौन ईमानदार नागरिक ऐसा होगा जिसे अफसरों के घर बिस्तर के


नीचे से, या जगह जगह बोरियों में करोड़ों रुपये पाए जाने की खबर पीड़ा न होती हो? आज देश की मुद्रा व्यवस्था का हाल यह है कि देश में कुल सिक्कों और नोटों की मूल्य में 500 और 1,000 रुपये वाले नोटों


का हिस्सा लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक पहुँच गया है। देश में नकदी का अत्यधिक सर्कुलेशन का एक सीधा सम्बन्ध भ्रष्टाचार से है। भ्रष्टाचार से अर्जित नकदी का कारोबार महंगाई पर बड़ा असर पैदा करता है।


इसकी मार गरीबों को झेलनी पड़ती है। इसका सीधा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग की खरीदने की शक्ति पर पड़ता है। आपका स्वयं का अनुभव होगा, जब मकान या जमीन खरीदते वक्त आप से कुछ धन चेक में लेंगे और


ज्यादातर धनराशि नकद में मांगी जाती होगी। ईमानदार व्यक्ति के लिए कुछ भी खरीदना, एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए घर खरीदना हो, उसके पास काला धन नहीं है तो मुसीबत हो जाती है। नकदी के इस धंधे के


कारण मकान, जमीन, उच्च शिक्षा और चिकित्सा जैसी अनेक सेवाओं और वस्तुओं के मूल्य में बहुत ज्यादा कृत्रिम वृद्धि होती है। भ्रष्टाचार से जमा किया गया धन हो या काला धन हो, ये दोनों बेनामी हवाला


कारोबार को बल देते हैं। और हम जानते हैं कि हवाला का उपयोग आतंकियों ने हथियार की खरीद फरोख्त में भी किया है। चुनावों में काले धन के प्रभाव की चर्चा तो वर्षों से हो रही है। बहनों भाइयों, देश


को भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दीमक से मुक्त कराने के लिए एक और सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है। आज मध्य रात्रि यानि 8 नवम्बर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1000 रुपये


के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएं कानूनन अमान्य होंगी। 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के जरिये लेन देन की व्यवस्था आज मध्य रात्रि से उपलब्ध नहीं होगी। भ्रष्टाचार, काले


धन और जाली नोट के कारोबार में लिप्त देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद 500 एवं 1000 रुपये के पुराने नोट अब केवल कागज के एक टुकड़े के समान रह जायेंगे। ऐसे नागरिक जो संपत्ति, मेहनत


और ईमानदारी से कमा रहे हैं, उनके हितों की और उनके ह़क की पूरी रक्षा की जाएगी। ध्यान रहे कि 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, 2 रुपये और 1 रुपया का नोट और सभी सिक्के नियमित


हैं और लेन-देन के लिए उपयोग हो सकते हैं। उस पर कोई रोक नहीं है। हमारा यह कदम देश में भ्रष्टाचार, काला धन एवं जाली नोट के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, सामान्य नागरिक जो लड़ाई लड़ रहा है, उसको


इससे ताकत मिलने वाली है। इन दिनों में देशवाशियों को कम से कम तकलीफ का सामना करना पड़े, इसके लिए हमने कुछ व्यवस्था की है: 1.  500 और 1000 रुपये के पुराने नोट, 10 नवम्बर से लेकर 30 दिसम्बर 2016


तक अपने बैंक या डाक घर (पोस्ट ऑफिस) के खाते में बिना किसी सीमा के जमा करवा सकते हैं। 2. आपके पास लगभग 50 दिनों का समय है। अत: नोट जमा करने के लिए आपको अफरा तफरी करने की आवश्यकता नहीं है। 3.


आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोर्ई चिंता करने की जरूरत नहीं है। 4. 500 रुपये या 1000 रुपये के पुराने नोटों को खाते में डाल कर आप अपनी जरूरत के अनुसार फिर से निकाल सकते हैं। 5. केवल शुरू


के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रति दिन दस हजार रुपये और प्रति सप्ताह बीस हज़ार रुपये की सीमा तय की गई है। ऐसा नए नोटों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस सीमा में आने


वाले दिनों में वृद्धि कर दी जाएगी। 6. खाते में जमा करने की सुविधा के साथ-साथ एक दूसरी सुविधा भी दी जा रही है। 7. तत्काल आवश्यकता के लिए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को नए एवं मान्य नोट


के साथ 10 नवम्बर से 30 दिसम्बर तक आप किसी भी बैंक या प्रमुख और उप डाकघर (हेड पोस्ट ऑफिस और सब-पोस्ट पोस्ट ऑफिस) के काउंटर से अपना पहचान पत्र जैसे कि आधार कार्ड, मतदाता यानी वोटर कार्ड, राशन


कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड इत्यादि सबूत के रूप में पेश करके आप नोट बदल सकते हैं। 8. प्रारम्भ में 10 नवम्बर से 24 नवम्बर तक चार हज़ार रुपये तक के पुराने 500 एवं 1,000 रुपये के नोट बदले जा


सकते हैं। 15 दिनों के बाद यानी 25 नवम्बर से चार हजार रुपये की सीमा में वृद्धि कर दी जाएगी। 9. ऐसे लोग जो इस समय सीमा के अन्दर अर्थात 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट किसी कारणवश जमा नहीं कर


पाए, उनको 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बदलने का एक आखिरी अवसर दिया जाएगा। 10. ऐसे लोग रिजर्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में अपनी राशि एक घोषणा पत्र फॉर्म के साथ 31 मार्च 2017 तक जमा करवा सकते


हैं। 11. 9 नवम्बर और कुछ स्थानों में 10 नवम्बर को भी एटीएम काम नहीं करेंगे। प्रारम्भ में एटीएम से प्रति कार्ड प्रति दिन निकाली जा सकने वाली राशि की सीमा दो हज़ार रुपये रहेगी। 12. फिर उसे कुछ


अवधि के बाद बढ़ा कर चार हज़ार रुपये कर दिया जाएगा। 13. वैसे तो 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट आज रात्रि 12 बजे से कानूनी तौर पर खत्म हो जाएंगे, परन्तु सामान्य जन-जीवन की जरूरतों को ध्यान में


रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से हमने इस प्रक्रिया में शुरू के 72 घंटों में यानी 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक नागरिकों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था की है। 14. 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक सभी


सरकारी अस्पतालों में भुगतान के लिए पुराने 500 या 1000 रुपये के नोट स्वीकार किए जाएंगे। 15. इससे वैसे परिवार जिनमें कोई बीमार है उन्हें उपचार में कोई बाधा न आये। 16. ऐसे सरकारी अस्पतालों में


यदि दवा के दुकान की व्यवस्था है तो डॉक्टर के दिए गए पर्चे पर 500 और हज़ार के पुराने नोटों से दवा खरीदने की सुविधा भी 72 घंटे तक उपलब्ध रहेगी। 17. ऐसे ही 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक, रेलवे


के टिकट र्बुंकग काउंटर, सरकारी बसों के टिकट र्बुंकग काउंटर और हवाई अड्डों पर एयरलाइन्स के टिकट बुकिंग काउंटर पर केवल टिकट खरीदने के लिए पुराने नोट अर्थात 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार


करने की छूट होगी। ऐसा हमने उन परिवारों की जरूरतों को देखते हुए किया है जो इस समय यात्रा कर रहे होंगे। 18. केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित कोओपरेटिव की दिनचर्या की वस्तुओं की दुकान


(जैसे केंद्रीय भंडार, सफल) और दुग्ध विक्रय केन्द्रों (मिल्क पार्लर) में भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान इन संस्थानों को


प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सूचना रजिस्टर में रखनी होगी। 19. सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) के पेट्रोल और गैस स्टेशन (रिटेल आउटलेट्स) पर पेट्रोल, डीजल और गैस की बिक्री के लिए भी 11


नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सूचना रजिस्टर में रखनी होगी। 20. शवदाह गृह जैसी जगहों पर भी 11


नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। 21. अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आ रहे या विदेश जा रहे लोगों को अगर उनके पास पुराने 500 और 1000 के


नोट हैं तो ऐसे नोटों की 5000 रुपये तक की राशि को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी। 22. अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशी मुद्रा या 5000


रुपये तक के पुराने नोटों को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जाएगी। 23. इन सारी सुविधाओं के अलावा मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि इस पूरी प्रक्रिया में नॉन-कैश लेन देन में यानी


चेक से पेमेंट, डिमांड ड्राफ्ट से पेमेंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट अथवा इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रान्सफर में कोई रुकावट नहीं आएगी। ये कारोबार जैसा पहले चलता था वैसा ही चलता रहेगा। इन सारे


इंतज़ामों के बावजूद हमारे ईमानदार देशवासियों को अगर तकलीफ का सामना करना पड़ा तो अनुभव यह बताता है कि इस देश का सामान्य नागरिक देश की भलाई के लिए त्याग करने और कठिनाई सहने के लिए कभी भी पीछे


नहीं रहता है। जब मैं सुनता हूं कि कोई गरीब विधवा एलपीजी सब्सिडी छोड़ने में आगे आती है, यह त्याग एक रिटायर्ड स्कूल टीचर में भी पाया जाता है जब वो पेंशन से स्वच्छ भारत कोष में योगदान देने आगे


आता है, जब हम ये सुनते हैं कि गरीब आदिवासी मां का बकरी बेचकर शौचालय बनाने के लिए पैसे लगा देती है, एक फौजी का अपने गाँव को स्वच्छ गांव बनाने के लिए सत्तावन हज़ार रुपये का दान देने के लिए आगे


आता है। मैंने तो यह देखा है कि देश के सामान्य नागरिक की एक ही तमन्ना है कि वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है - बस देश का कल्याण हो। अत: भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ जंग


में हम लोग थोड़ी-सी कठिनाई वह भी कुछ दिनों के लिए तो झेल ही सकते हैं। मेरा पूरा विश्वास है कि देश का प्रत्येक नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ शुचिता के इस महायज्ञ में मिल कर खड़ा होगा। मेरे प्यारे


देशवासियों, दिवाली के पर्व के बाद, अब ईमानदारी के इस उत्सव में, प्रमाणिकता के इस पर्व में आप बढ़ चढ़ कर हाथ बटायें। मेरा पूरा विश्वास है कि देश के सभी राजनीतिक दल, राजनैतिक कार्यकर्ता, सामजिक


और शैक्षणिक संस्थाएं, मीडिया सहित समाज के सभी वर्ग से इस महान कार्य में सरकार से भी ज्यादा बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे, सकारात्मक भूमिका अदा करेंगे और इस कार्य को सफल बना कर ही रहेंगे। मेरे प्यारे


देशवासियों, ये बातें जब मैं आपके समक्ष रख रहा हूँ, इसी समय सरकार के अलग-अलग विभागों को भी जानकारी हो रही है, बैंक हो, डाक घर हो, रेलवे हो, अस्पताल हो, उनके अधिकारीयों को भी इस विषय की इससे


पहले कोई जानकारी नहीं मिली है क्योंकि इस काम में गोपनीयता बहुत ही आवश्यक थी। ऐसी स्थिति में रिज़र्व बैंक, सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस को कम समय में बहुत सारी व्यवस्था करनी है। इस व्यवस्था में


कुछ समय तो जाएगा। इसलिए रिज़र्व बैंक ने यह फैसला लिया है की 9 नवम्बर को सभी बैंक सार्वजनिक कार्य के लिए बंद रहेंगे। नागरिकों को असुविधा होगी। मेरा पूरा भरोसा है कि बैंक और पोस्ट ऑफिस में काम


करने वाले सभी साथी देश हित में इस पवित्र कार्य को सफलतापूर्वक परिपूर्ण करेंगे। भूतकाल में उन्होंने ये करके दिखाया है। मेरा जनता-जनार्दन से इतना ही आग्रह है कि सभी नागरिक धैर्य रखते हुए सभी


बैंक्स और पोस्ट ऑफिस अधिकारियों के साथ सहयोग करें, यही मेरी उनसे आग्रह और विनती है। बहनों और भाइयों, समय-समय पर मुद्राव्यवस्था को ध्यान में रख कर रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नए


अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है। 2014 में रिज़र्व बैंक ने 5000 और 10000 रुपये के करेंसी नोट का प्रस्ताव सरकार को भेजा था जिसे हमारी सरकार ने विचार-विमर्श के बाद अस्वीकार कर


दिया था। अब इस पूरी प्रक्रिया में रिज़र्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नए नोट के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है। पूरी तरह से नए तौर पर डिजाईन किए गए 500 रुपये और 2000 रुपये के नए करेंसी नोट अब


सर्कुलेशन में लाया जाएगा। रिजर्व बैंक अपने पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, करेंसी सर्कुलेशन में अधिक मूल्य के नोटों का हिस्सा अब एक सीमा के अन्दर ही रहे इसके लिए रिजर्व बैंक आवश्यक


प्रबंध करेगा। अंत में मेरे प्यारे देशवाशियों मैं यह दोहराना चाहता हूं कि किसी देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब हर व्यक्ति यह महसूस करता है कि उसे भी उस क्षण का हिस्सा बनना है। उसे भी


राष्ट्र हित में, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। परन्तु ऐसे क्षण हर किसी की जिंदगी में गिने चुने ही आते हैं। आज समय हमें फिर से एक अवसर दे रहा है। हर सामान्य नागरिक भ्रष्टाचार, काला


धन, जाली नोट के खिलाफ इस महायज्ञ में, इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकता है। बहनों और भाइयों आपसे इस प्रक्रिया में जितना सहयोग मिलेगा, शुद्धिकरण उतना ही सफल होगा। देश के लिए यह चिंता का कारण


था कि भ्रष्टाचार और काले धन को जीवन का एक सहज हिस्सा मान लिया गया था। यह सोच आज हमारे राजनैतिक, सामाजिक, और प्रशासनिक जीवन को दीमक की तरह खाए जा रहा है। शासन व्यवस्था का कोई भी अंग इस दीमक


से अछूता नहीं है। समय-समय पर हमने देखा है कि भारत के सामान्य जन मानस को अगर भ्रष्टाचार और कुछ दिनों की असुविधा में से एक को चुनना हो, तो वह बेहिचक, मैं कहता हूं बेहिचक मेरे देश का ईमानदार


नागरिक असुविधा को तो चुनेगा लेकिन भ्रष्टाचार को कदापि नहीं चुनेगा। आपसे मैं फिर एक बार आह्वान करता हूँ कि आइये जैसे आपने दिवाली के पर्व में अपने घर और आस-पड़ोस की सफाई की, वैसे ही सफाई के काम


को आगे बढ़ाते हुए, हम इस महायज्ञ में अपनी पूर्णाहुति डाल कर इसे सफल बनाइये। इतने बड़े देश में, इतनी बड़ी सफाई के महापर्व में असुविधा को ध्यान में न रखते हुए आइये सभी शुचिता की दिवाली मनाएं,


पूरे विश्व को भारत की इस ईमानदारी का उत्सव दिखाएं, पूरे देश में प्रमाणिकता का पर्व मनाएं जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके, काले धन पर नकेल कस सके, जाली नोटों का खेल खेलने वालों को नेस्तनाबूद


कर सके, जिससे देश का धन गरीबों के काम आ सके, हर ईमानदार नागरिक को देश की सम्पन्नता में उसकी उचित हिस्सेदारी मिल सके, आने वाली पीढ़ी गर्व से अपना जीवन जी सके। मैं आप सब के सहयोग के लिए पूरे


विश्वास के साथ सवा सौ करोड़ देशवासियों कि मदद से भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को और आगे ले जाना चाहता हूं। मुझे विश्वास है कि आपका साथ, आपका सहयोग आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरक बनेगा। मैं फिर


एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। भारत माता की जय। [embedded content]