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भीषण गर्मी और उमस के दिनों में शहर के अलीगढ़ रोड और उसकी आस-पास की कॉलोनी की लगभग 5000 की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। बूंद-बूंद पानी के लिए हर दिन लोगों को संघर्ष करना
पड़ता है। तब कहीं जाकर लोगों की प्यास बुझ पाती है। पेयजल संकट की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों और दुकानदारों द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से पत्र के माध्यम से शिकायत भी की जा
चुकी है, लेकिन इसके बाद भी आजतक लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। सोमवार को हिन्दुस्तान के अभियान ‘बोले हाथरस’ की टीम ने शहर के अलीगढ़ रोड पर पहुंचकर लोगों से संवाद कर पेयजल संकट की
समस्या को लेकर उनका दर्द साझा किया। हर घर तक आरओ का शुद्ध और स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा अमृत योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी शहर के कई इलाकों में
आज भी पेयजल संकट की समस्या बनी हुई है। ऐसा ही कुछ हाल शहर के पॉश इलाका के कहे जाने वाले अलीगढ़ रोड का बना हुआ है। यहां के बाशिंदों को भीषण गर्मी में पेयजल संकट की समस्या का सामना करना पड़
रहा है। अलीगढ़ रोड से प्रतिदिन दस हजार से अधिक राहगीरों का आना-जाना लगा रहता है। शहर के बागला संयुक्त जिला अस्पताल से लेकर अलीगढ़ रोड स्थित मुंशी गजाधर सिंह मार्ग तक एक किलो मीटर के दायरे
में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क किनारे लगभग आधा दर्जन हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन सभी नल खराब पड़े हुए हैं। जिसके चलते लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा
है। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वालों को करना पड़ रहा है। अलीगढ़ रोड व लेबर कॉलोनी के आस-पास 50 से अधिक रेहड़ी-पटरी लगी हुई हैं। लेकिन यहां पीने के पानी की कोई
व्यवस्था नहीं होने की वजह से रेहड़ी-पटरी वालों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर फल-सब्जी, चांट-पकौड़ी विक्रेताओं को काफी परेशानी होती है। फल-सब्जियों को धोने के लिए
लोगों को दूर-दराज से पानी लेकर आना पड़ता है। पीने के पानी के लिए लोगों का पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। इसके लिए प्रतिदिन लोगों को 15 से 20 रुपये तक खर्च कर पानी का झार खरीदना पड़ रहा है। तब
कहीं जाकर लोगों की प्यास बुझा रही है। सालों से चली आ रही पेयजल संकट की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा कई बार पत्र के माध्यम से जनप्रतिनिधियों और नगर पालिका के अधिकारियों से शिकायत की जा
चुकी है, लेकिन इसके बाद भी आजतक इस समस्या का कोई निदान नहीं हो सका है। जिसके चलते लोगों में काफी ज्यादा आक्रोश है। कई सालों से बना है पेयजल संकट शहर का अलीगढ़ रोड और उसके आस-पास की कॉलोनी
शहर के पॉश इलाके में आती हैं। लेकिन यहां की 5000 से अधिक की आबादी कई सालों से पेयजल संकट का सामना कर रही है। जिसके चलते लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। भीषण गर्मी के
दिनों में लोगों की यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे पेयजल संकट की समस्या और गहराती जाती है। प्रचंड गर्मियों के दिनों में लोगों को बूंद-बूंद पानी के
लिए संघर्ष करना पड़ता है। खासतौर पर पीने के पानी को लेकर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल लाइन होने के बाद भी नहीं दूर हुआ पेयजल संकट शहर के अलीगढ़ रोड और उसके आस-पास की
कॉलोनी में पेयजल संकट की समस्या को दूर करने के लिए कुछ साल पहले अमृत योजना के तहत पेयजल लाइन डाली गई थी। पेयजल लाइन डलने के बाद लोगों को उम्मीद जगी थी कि इलाके में सालों से चली आ रही पेयजल
संकट की समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन जमीनी हकीकत पर ऐसा नहीं हुआ। पेयजल लाइन होने के बाद भी लोगों को पेयजल संकट की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल लाइन में लीकेज की समस्या शहर में घर-घर
तक शुद्ध आरओ का पानी पहुंचाने के लिए अमृत योजना के तहत पेयजल लाइन डाली गई, लेकिन पेयजल लाइन डाले जाने के दौरान अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा की गई अनदेखी का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा
है। शहर के अधिकांश इलाकों की तरह अलीगढ़ रोड पर भी अमृत योजना की पेयजल लाइन में लीकेज की समस्या बनी हुई है। जगह-जगह लाइन लीकेज होने की वजह से हर दिन हजारों लीटर पानी सड़क पर बर्बाद होता है।
आलम यह कि अगर एक लीकेज की समस्या दूर हो जाती है तो दूसरे स्थान पर पेयजल लाइन लीकेज हो जाती है। लीकेज की समस्या लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत बनी हुई है। एक किलो मीटर तक के दायरे में छह हैंडपंप
पड़े खराब शहरा के अलीगढ़ रोड स्थित बागला संयुक्त जिला अस्पताल से मुंशी गजाधर सिंह मार्ग तक लगभग एक किलो मीटर का क्षेत्र हैं। इस मार्ग पर पांच हजार से अधिक की आबादी रहती है और 1 हजार से अधिक
दुकान और 200 से अधिक रेहड़ी-पटरी वाले हैं। लेकिन इन लोगों के लिए यहां पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है। अलग-अलग स्थानों पर लगभग आधा दर्जन इंडिया मार्क टू नल लगे हुए हैं, लेकिन यह सभी नल
कई सालों से खराब पड़े हुए हैं। कई नल को जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं। लेकिन इन नलों की मरम्मत कराने और पुराने हैंडपंप की जगह नए हैंडपंप लगाने को लेकर किसी का कोई ध्यान नहीं है। दूर-दराज के
नलों से पानी लाने को मजबूर लोग अलीगढ़ रोड पर लगे ज्यादातर हैंडपंप खराब पड़े या फिर जर्जर हो चुके हैं। जिसके चलते लोगों का पेयजल संकट की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा
रेहड़ी-पटरी वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 200 से अधिक फल, सब्जी, जूस, चांट-पकौड़ी आदि की यहां रेहड़ी-पटरी सुबह से शाम तक लगती है। इन रेहड़ी-पटरी वालों को हर समय पानी की आवश्यकता
रहती है। पीने से लेकर कारोबार के लिए पानी की जरुरत है, लेकिन यहां कोई भी पानी की सुविधा नहीं होने की वजह से इन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मजबूरन लोगों को दूर-दराज लगे
हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है। फैक्ट फाइल: 5000 की आबादी पेयजल संकट का सामना कर रही। 200 से अधिक अलीगढ़ रोड पर रेहड़ी-पटरी वाले। 1000 से अधिक मकान और दुकान अलीगढ़ रोड पर। शिकायत कई
सालों से बनी हुई है पेयजल संकट की समस्या। अधिकांश हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। कई हैंडपंप जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। अमृत योजना की पेयजल लाइन में लीकेज की समस्या बनी रहती है। कई बार
शिकायत करने के बाद भी समस्या का निदान नहीं हुआ। सुझाव: जल्द से जल्द पेयजल संकट की समस्या का निदान कराया जाए। खराब पड़े हैंडपंप की मरम्मत कराई जाए। जर्जर हो चुके हैंडपंप के स्थान पर नए
हैंडपंप लगवाए जाएं। अमृत योजना की पेयजल लाइन में बनी लीकेज की समस्या को दूर कराया जाए। पेयजल संकट को देखते हुए क्षेत्र में पानी का टैंकर खड़ा कराया जाए।