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GORAKHPUR NEWS - धर्मपुर के राजीव कुमार के बेटे की शादी 15 अप्रैल को थी। इन्होंने 500 कार्ड छपवाए थे। उसमें तिलक, महिला संगीत, शादी और रिसेप्शन के आयोजनों की तारीखें अलग-अलग अंकित थीं।
लॉकडाउन के चलते शादी टालनी पड़ी।... धर्मपुर के राजीव कुमार के बेटे की शादी 15 अप्रैल को थी। इन्होंने 500 कार्ड छपवाए थे। उसमें तिलक, महिला संगीत, शादी और रिसेप्शन के आयोजनों की तारीखें
अलग-अलग अंकित थीं। लॉकडाउन के चलते शादी टालनी पड़ी। अब शादी 17 जून को है। तिलक, शादी और रिसेप्शन की तारीख भी 17 को ही है। महिला संगीत का कॉलम ही गायब है। केस-2 रुस्तमपुर के श्याम नारायण
मिश्रा के भाई की शादी अप्रैल में थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से तारीख बदल कर जून में कर दी गई। 11 जून को शादी है। समारोहों पर बंदिशों के चलते तिलक और विवाह का कार्यक्रम एक ही दिन करेंगे।
रिसेप्शन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। महिला संगीत में बाहर से किसी को भी नहीं बुलाया है। घर पर ही आयोजन होगा। केस-3 जगतबेला के गौराखास निवासी धर्मराज सिंह अपने भाई का कार्ड छपवाने पहुंचे
थे। धर्मराज के छोटे भाई चन्द्रशेखर सिंह जीडीए में जूनियर इंजीनियर हैं। शादी के लिए 400-500 कार्ड छपवाने का इस्टीमेट था। अब 50 कार्ड ही छपवा रहे हैं। बैंड-बाजा व गाड़ियां कैंसिल कर दी हैं। 8
जून को तिलक था, उसे भी कैंसिल कर दिया है। अब 14 जून को सीधे शादी होगी। गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता कोरोना के दौर में दूल्हे की मां और बहनों को ही सोहर और बन्ना गाना पड़ेगा। लोग रिश्तेदारों व
मित्रों को बुलाने से परहेज करने लगे हैं। यहां तक कि कार्ड में छपने वाला महिला संगीत का कॉलम भी हटने लगा है। ऐसे में अब पहले की तरह रिश्तेदारों की जुटान शायद ही हो पाए। दरअसल कोरोना के चलते
विवाह आयोजनों पर तमाम बंदिशों के चलते अब लोग शादी का आकार छोटा करने लगे हैं। इसी का नतीजा है कि वर्षों से चली आ रही परम्परा अब टूट रही है। मजबूरी ऐसी कि शादी के कार्ड से महिला संगीत और
रिसेप्शन की तिथियां गायब हो रही हैं। बार-बार मेहमानों-रिश्तेदारों को न बुलाना पड़े, इसके लिए तिलक और शादी का कार्यक्रम एक ही दिन तय कर रहे हैं। पहले जहां तिलक, महिला संगीत, विवाह और रिसेप्शन
की तारीखें अलग-अलग होती थीं वहीं अब लोग सभी समारोह को एक ही साथ निपटाने में जुटे हैं। यही वजह है कि शादी कार्ड में सिर्फ शादी और विदाई की तारीखें ही अंकित हो रही हैं। जिनके घर आने वाले दिनों
में शादी समारोह हैं अब वह रिश्तेदारों-मित्रों को बुलाने परहेज कर रहे हैं। सभी की कोशिश है कि विवाह में कम से कम लोग उपस्थित रहें। छपा कार्ड भी लेने नहीं पहुंच रहे लोग आशु चित्र कॉर्नर,
बक्शीपुर के अभिनव आनंद ने बताया कि लॉकडाउन से पहले 70 ऑर्डर थे। सभी कार्ड छप भी गए थे। करीब चार लाख रुपये का कार्ड था। अब कोई फोन नहीं उठा रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं कि जब शादी की तिथि तय
होगी तब आएंगे। करीब पांच लाख का कैलेंडर भी था। कैलेंडर अप्रैल-मई तक हर साल बिकता था। इस साल अब पूरा कैलेंडर बेकार चला गया। बहुत से लोग कैलेंडरों पर भी शादी का कार्ड छपवाते हैं। 20-25 ऑर्डरों
का फाइनल प्रिंट नहीं निकला था, इसलिए वह नुकसान होने से बच गया।