गजब का जज्बाः मां की हालत ठीक नहीं, खुद बीमार फिर भी कोरोना मरीजों की सेवा और अंतिम संस्कार

गजब का जज्बाः मां की हालत ठीक नहीं, खुद बीमार फिर भी कोरोना मरीजों की सेवा और अंतिम संस्कार

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Hindi NewsUP NewsWonderful varanasi s aman kabeer Mother s condition is not good yet the corona patients are served and cremated पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। अपनों


के बीमार होने या मौत के बाद भी लोग झांकने तक नहीं जा रहे हैं। ऐसे में वाराणसी का एक युवा गजब का जज्बा दिखा रहा है। कोरोना से पूरी तरह... Yogesh Yadav वाराणसी लाइव हिन्दुस्तान, Tue, 20 April


2021 06:36 PM Share Follow Us on __ पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। अपनों के बीमार होने या मौत के बाद भी लोग झांकने तक नहीं जा रहे हैं। ऐसे में वाराणसी का एक युवा गजब


का जज्बा दिखा रहा है। कोरोना से पूरी तरह बेखौफ यह युवा लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराने से लेकर अपने कंधों पर श्मशान तक पहुंचाकर दाह संस्कार कराने तक में लगा है। यह सब ऐसे समय में कर रहा


है जब घर पर उसकी मां की हालत भी ठीक नहीं है। उन्हें सांस की दिक्कत है। खुद यह युवा भी बीमार है।  हम बात कर रहे हैं वाराणसी के अमन कबीर की। वैसे तो वाराणसी में अमन कबीर आज किसी परिचय का


मोहताज नहीं है। पूरे जिले में कोई भी लावारिस दिखाई देता है तो पुलिस वाले भी अमन को ही फोन करते हैं। मंडलीय अस्पताल में जब लावारिश शव को कोई छूने को तैयार नहीं होता तब वहां के मेडिकल स्टाफ भी


अमन को बुलाते हैं। अपनी बाइक एंबुलेंस से वह अस्पताल से लेकर सड़कों तक लोगों की मदद करने में दिन रात लगा हुआ है।  उसकी सेवा की कहानी तो वैसे एक दशक पहले बनारस में हुए बम विस्फोट के बाद से


शुरू होती है लेकिन कोरोना काल में जिस तरह से अमन ने जज्बा दिखाया है, हर कोई उसका कायल हो चुका है। रविवार को ही पांडेयपुर की आशा श्रीवास्तव को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। शहर में लॉकडाउन


लगा था और घर पर कोई पुरुष सदस्य नहीं था। उनकी बेटी से सूचना मिलते ही अमन ने एक आटो का इंतजाम किया। आशा श्रीवास्तव को मंडलीय अस्पताल में लाकर भर्ती कराया।  गुरुवार को एक बुजुर्ग की मौत हो गई।


उनका कोई नहीं था। लाश समय के साथ-साथ गल रही थी। उससे बदबू निकलने लगी थी। अमन को सूचना मिली। अमन सुबह से अपने घर पर थे। उन्हें तबीयत ठीक नहीं लग रही थी। लेकिन सूचना मिलते ही अमन वहां चले गए।


उन्होंने लाश को लिया और श्मशान ले जाकर अंतिम संस्कार कराया। जिसके पास कोई जाने को तैयार नहीं उसे उठाकर अस्पताल पहुंचाया जैतपुरा के जलालीपुर में एक व्यक्ति सड़क पर गिरा पड़ा था। शरीर पर केवल


पैंट थी। पूरे शरीर पर चीटियां चढ़ रही थीं। सरैंया पुलिस चौकी इंचार्ज ने अमन को फोन किया। अमन तत्काल वहां पहुंच गया। अकेले ही उसे उठाया, किसी तरह अपनी एम्बुलेंस से लेकर अस्पताल पहुंचा। ये तो


चंद उदाहरण मात्र हैं। इस तरह के सेवा कार्य अमन कबीर रोजाना एक दो नहीं कई कर रहे हैं। कोरोना जैसी महामारी के माहौल में भी इस तरह से सेवा में लगे अमन कबीर कहते हैं कि सब ऊपर वाले की कृपा है।


असहाय लोगों की सेवा में ही आनंद आता है। अमन ने अपने घर का एक हिस्सा बेसहारा लोगों के लिए समर्पित कर दिया है। बेसहारा लोगों को उनके परिजनों तक पहुंचाने तक अमन के घर का यही हिस्सा सहारा बना


रहता है।