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उत्तराखंड में नोटबंदी जैसे हालात हो गए हैं। पर्वतीय इलाकों में बैंक जहां पांच हजार रुपये से ज्यादा कैश नहीं दे रहे हैं, वहीं एटीएम खाली पड़े हैं। गढ़वाल मंडल के पौड़ी, चमोली, टिहरी,
उत्तरकाशी और... उत्तराखंड में नोटबंदी जैसे हालात हो गए हैं। पर्वतीय इलाकों में बैंक जहां पांच हजार रुपये से ज्यादा कैश नहीं दे रहे हैं, वहीं एटीएम खाली पड़े हैं। गढ़वाल मंडल के पौड़ी, चमोली,
टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में कैश संकट बहुत ज्यादा गहरा गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि पहाड़ के ज्यादा इलाकों में एसबीआई और पीएनबी की ही ब्रांच हैं, जिनमें सबसे ज्यादा कैश की दिक्कत
बनी हुई है। वहीं देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और ऋषिकेश में दिक्कत है, लेकिन यहां अन्य बैंकों में कैश उपलब्ध होने के कारण ज्यादा समस्या नहीं आ रही है। पौड़ी : शादी वालों को सबसे ज्यादा
दिक्कत पौड़ी में मंगलवार को भी बैंकों में कैश की दिक्कत रही। कैश की कमी के कारण एसबीआई के सभी एटीएम खाली पड़े हैं। खाताधारकों को जरूरत के हिसाब से पैसा नहीं मिल पा रहा है। आरबीआई से कैश नहीं
आने के कारण यहां कैश की परेशानियां आ रही है। शादी-विवाह आदि को लेकर लोगों को इन दिनों कैश के लिए बैंक आना पड़ रहा है। पौड़ी में एसबीआई के आधा दर्जन से अधिक एटीएम में कैश नहीं है, जिसके कारण
लोग एटीएम से भी बैंरग लौट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बैंक में खाताधारक को पांच हजार से अधिक नहीं मिल पा रहा है। एसबीआई के डिप्टी मैनेजर पीसी तनवर ने बताया है कि कैश की कमी होने के कारण एटीएम में
कैश नहीं डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि शादी-विवाह और बीमारी आदि से संबंधित मामलों में व्यवस्था की जा रही है। कोशिश की जा रही है ऐसे मामलों में जरूरत के हिसाब से पैसा मिल जाए। अन्य
खाताधारकों को एक दिन में 5 हजार की राशि ही दी जा रही है। टिहरी के 12 एटीएम में नहीं कैश, लोग परेशान नई टिहरी के बैंकों और एटीएम में कैश की भारी किल्लत बनी हुई है। मंगलवार को 12 एटीएम में
कैश नहीं मिला। कई एटीएम में ताले लटके मिले। कैश निकालने के लिए लोग लाइन में लगे हुए थे। वहीं बैंकों में भी कैश की किल्लत बनी हुई है। बैंकों में ग्राहकों को मांग के अनुरूप कैश नहीं मिल पा रहा
है। लीड बैंक अधिकारी देवेन्द्र स्वामी का कहना है कि कैश की समस्या को लेकर आरबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक से वार्ता हुई है। उन्होंने कुछ दिनों में स्थिति सुधरने का आश्वासन दिया है। वहीं एसबीआई
नई टिहरी शाखा के उप प्रबंधक दीपक कोठियाल ने बताया कि नोटबंदी के बाद से बैंक में एक तिहाई ही कैश उपलब्ध हो रहा है। बैंक में जितना कैश उपलब्ध है, उससे सभी ग्राहकों की आवश्यकता पूरी करने का
प्रयास किया जा रहा है। चमोली में एटीएम में नहीं मिल रहे पैसे गोपेश्वर। चमोली जिले के एसबीआई के अधीन 20 एटीएम में से केवल चार-पांच एटीएम से ही कभी कभार पैसे निकल रहे हैं। वह भी कम मात्रा
में। यहां तक की बैंक से सीधे निकासी में भी ग्राहकों को अपना पैसा निकाला मुश्किल हो रहा है। सबसे ज्यादा परेशान वे लोग हैं, जिन्हें घरों में शादी विवाह समारोह होना है। गोपेश्वर में स्टेट बैंक
के प्रबंधक एमएल टमटा कहते हैं कि आरबीआई से कम मात्रा में रकम आ रही है। दिन तीन पहले सौ करोड रुपया आया था जो सभी बैंकों को दिया गया। तीन दिन में ही खत्म हो गया। नया पैसा एकाध दिन में आ जाएगा।
जखोली और मयाली में महीनों से एटीएम बंद जखोली। विकास क्षेत्र जखोली मुख्यालय एवं मयाली बाजार में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा लगाये गये एटीएम मशीन पिछले कई महीनों से बन्द पड़े हैं। कैश उपलब्ध न
होने पर करीब तीन माह से भी अधिक समय से ये दोनों एटीएम मात्र शो पीस बनकर रह गये हैं। लोगों की शिकायत है कि एटीएम पर कैश न होने से उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ता है। व्यापार संघ अध्यक्ष डा.
हर्षवर्धन नैथानी, व्यापार संघ अध्यक्ष मयाली प्रेम प्रकाश कोठारी, सुरेन्द्र सकलानी, महावीर सिंह सहित कई लोगों ने एसबीआई द्वारा स्थापित एटीएम में लोगों की आवश्यकता के अनुरूप कैश उपलब्ध कर
एटीएम सुविधा बहाल करवाने की मांग की है। एटीएम बंद होने से बढ़ी लोगों की परेशानी रुद्रप्रयाग। देशभर में चल रहा कैश का संकट एक बार फिर पहाड़ों में लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। एक
ओर शादी-विवाह होने के चलते लोगों को हर वक्त पैसो की जरूरत है वहीं दूसरी ओर बाजार में अधिकांश एटीएम बंद पड़े हैं। बैकों में भी जरूरत के मुताबिक कैश नहीं मिल रहा है। लोग केंद्र और राज्य सरकार
को इसके लिए दोषी बता रहे हैं। लीड बैंक अधिकारी एसएस तोमर ने बताया कि यह देशभर की समस्या है। रिजर्व बैंक से पर्याप्त कैश न मिलने से ऐसी स्थिति आई है। जिले में 31 मार्च से अब तक 30 करोड़ रुपये
ही आए हैं जो पहले ही खत्म हो गए हैं। बैंकों में स्वैप मशीन से भी नहीं मिल रहा कैश रुद्रप्रयाग में बैंकों में स्वैप मशीन भी बंद कर दी गई है। बैंकों के मुताबिक कैश न होने से मशीनों का उपयोग
नहीं किया जा रहा है जिससे अधिकांश बैंकों में लगी स्वैप मशीनें महज शो-पीस बनी हैं। कई लोगों ने स्वैप से कैश निकालने का प्रयास किया किंतु बैंक प्रशासन ने इसके लिए भी इनकार कर दिया। बैंकों में
नहीं मिल रही जरूरत के हिसाब से नगदी श्रीनगर। श्रीनगर में विभिन्न बैंकों के एटीएम बंद पड़े हैं। वहीं बैंकों में भी नगदी का संकट होने से उपभोक्ताओं को जरूरत के हिसाब से पैसा नहीं मिल पा रहा
है। जिससे उपभोक्ताओं को भारी दिक्कतों से होकर गुजरना पड़ रहा है। नगर क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज, एनआईटी, गढ़वाल विवि में बाहर से पढ़ने आने वाले छात्रों को इससे बड़ी परेशानियां हो रही हैं। साथ
ही ग्रामीण क्षेत्रों से एटीएम के भरोसे बाजार में खरीदारी करने पहुंच रहे लोगों को भी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। बैंक प्रबंधकों का कहना है कि बैंकों को ऊपर से ही पर्याप्त पैसा नहीं मिल पा रहा
है। जिससे एटीएम में नगदी नहीं डाली जा रही है। जिन एटीएम में नगदी डाली भी जा रही है वह कुछ देर बाद ही खाली हो जा रहे हैं। उत्तरकाशी के एटीएमों में नहीं मिल रहा कैश उत्तरकाशी। जिले में
ग्राहकों की सुविधा के लिए लगाए गए अधिकांश एटीएम बीते चार दिन से खाली पड़े हैं। जिन एटीएमों में कैश है भी वह कनेक्टीविटी के अभाव में संचालित नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण लोगों को कैश के लिए
इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय सहित डुंडा, भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़ में विभिन्न बैंकों की ओर से लगभग दो दर्जन से अधिक एटीएम लगाए गए हैं। लेकिन इन एटीएम की स्थिति यह कि इनमें बीते चार
दिन से नगदी नहीं डाली गई है। बुधवार को जिले में स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी बैंक प्रबंधन ने अब तक एटीएम नगदी नहीं डाली गयी
है।