हम उसे वापस तो नहीं ला सकते लेकिन.. ; अंकिता मामले में कोर्ट के फैसले पर बोले उत्तराखंड के सीएम

हम उसे वापस तो नहीं ला सकते लेकिन.. ; अंकिता मामले में कोर्ट के फैसले पर बोले उत्तराखंड के सीएम

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उत्तराखंड में कोटद्वार की एक स्थानीय अदालत ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपियों को शुक्रवार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई।


उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुक्रवार को अदालत का फैसला आ गया, जिसमें कोर्ट ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री


पुष्कर सिंह धामी ने भी संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पहाड़ की बेटी के लिए न्याय सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि इस घटना के होने के बाद से ही सरकार का पूरा फोकस इस बात पर था कि दोषियों को


सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए हमने हर संभव कोशिश की और करीब 1 हजार दिनों में उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलवा दिया। धामी ने कहा, 'हम उसे वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन उसके साथ न्याय हो हमने


यह सुनिश्चित किया।' मीडिया से बात करते हुए धामी ने कहा कि 'अंकिता भंडारी पहाड़ की बेटी थी, पहाड़ की बहन थी। जो भी घटना हुई, उसका हमें बहुत दुख हुआ, बहुत कष्ट हुआ। और जिस दिन यह


घटना हुई थी और जैसे ही हमें इस बारे में जानकारी मिली, हमने संकल्प लिया कि हम निश्चित रूप से हमारी पहाड़ की बेटी को और पहाड़ की बहन को न्याय दिलाएंगे। इसके बाद हमने तत्काल हमारी जांच करने


वाली सभी एजेंसियों और पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि मामले में जितने भी आरोपी हैं, सबकी गिरफ्तारी होनी चाहिए और ऐसा ही हुआ भी। इसके बाद हमारी सरकार ने महिला आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में


एसआईटी का गठन किया, उसने पूरी जांच की, एक-एक पहलू का अध्ययन किया और सारे सबूत जुटाए, और बहुत सटीक तरीके से उन्होंने विवेचना को आगे बढ़ाया और लगातार अदालत में पैरवी की गई, इसी का परिणाम रहा


कि आरोपियों को जमानत नहीं मिल पाई। मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा, 'परिजनों ने भी जैसा चाहा, जिस प्रकार से भी उन्होंने हमसे कहा, उन्हें अभियोजन अधिकारी दिए गए। और लगभग एक हजार दिन यानी तीन


साल के अंदर यह फैसला आया, जिसमें आरोपियों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस दौरान लगातार हमारे प्रशासन के लोगों और हम लोगों ने अंकिता के परिवार के लोगों से भी


लगातार संवाद कायम रखा, उन्हें आर्थिक सहायता भी दी। हमने यह सुनिश्चित किया कि हम किसी भी प्रकार से अंकिता बहन को, बेटी को न्याय दिलाएंगे। क्योंकि हम उसे वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन उसके साथ


न्याय हो, यह हमने सुनिश्चित किया।' इससे पहले शुक्रवार को दिन में उत्तराखंड में कोटद्वार की एक स्थानीय अदालत ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीनों


आरोपियों को शुक्रवार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर 72 हजार रुपए तथा अन्य दो आरोपियों


सौरभ भास्कर तथा अंकित गुप्ता प्रत्येक पर 62,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। सजा के बारे में जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बताया कि अदालत ने आर्य को भारतीय दंड संहिता की


धारा 302 के तहत दोषी ठहराते हुए कठोर आजीवन कारावास व 50,000 रुपए जुर्माना, धारा 201 के तहत पांच वर्ष कठोर कारावास तथा 10,000 रुपए जुर्माना, धारा 354 क में दो वर्ष का कठोर कारावास व 10,000


रुपए जुर्माना तथा अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम (आईटीपीए) की धारा 5(1)घ में पांच साल के कठोर कारावास व 2,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। नेगी ने बताया कि भास्कर व गुप्ता को भारतीय दंड


संहिता की धारा 302 के तहत कठोर आजीवन कारावास व 50,000 रुपये जुर्माना, धारा 201 में पांच वर्ष कठोर कारावास व 10,000 रुपये जुर्माना एवं आईटीपीए की धारा 5(1)घ में पांच वर्ष का कठोर कारावास व


2,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि दोषियों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। नेगी ने बताया कि अदालत ने सरकार को चार लाख रुपए मुआवजे के रूप में अंकिता के माता-पिता को देने का भी


आदेश दिया है। बता दें कि अंकिता की सितंबर 2022 में हत्या कर दी गयी थी।