Madhya pradesh news: कोरोना महामारी के आकलन में विफल रहे संजय गोयल को स्वास्थ्य आयुक्त पद से हटाया

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MADHYA PRADESH NEWS: आकाश त्रिपाठी को सौंपी जिम्मेदारी, गोयल बने मंत्रालय में सचिव - संक्रमण से निपटने की व्यवस्थाएं जुटाने की चुनौती। By HEMANT KUMAR UPADHYAY Edited By: HEMANT KUMAR


UPADHYAY Publish Date: Mon, 12 Apr 2021 06:33:50 PM (IST) Updated Date: Mon, 12 Apr 2021 07:51:41 PM (IST) MADHYA PRADESH NEWS: भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में


प्रदेशवासी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। समय रहते महामारी का आकलन करने और उससे निपटने के आवश्यक इंतजाम नहीं करने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। इसी लापरवाही के चलते सरकार ने


उन अध‍िकारियों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है, जिन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया। सोमवार को सरकार ने स्वास्थ्य आयुक्त तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव डा. संजय


गोयल को इस जिम्मेदारी से हटा दिया। उनकी जगह आकाश त्रिपाठी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। डा. गोयल को मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है। वहीं, अभी तक त्रिपाठी मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी


लिमिटेड, जबलपुर में प्रबंध संचालक और ऊर्जा विभाग के सचिव थे। उनके पास पूर्व की जिम्मेदारी बतौर अतिरिक्त प्रभार रहेगी। मालूम हो, नईदुनिया ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से कोरोना


संक्रमण की भयावहता पर खबर प्रकाशित की थी। स्वास्थ्य आयुक्त होने के नाते डा. गोयल के पास महामारी की दूसरी लहर से निपटने के इंतजाम करने का पर्याप्त समय था, लेकिन वे नाकाम रहे। अस्पतालों में


बिस्तर, इंजेक्शन और आक्सीजन की उपलब्‍धता का निर्णय समय रहते किया जाना था। अब, जबकि प्रदेश में संक्रमण दर काफी ज्यादा हो गई है, तब इनके इंतजाम के लिए आपाधापी मची है। कोविड केयर सेंटर बनाने


जैसी मूलभूत आवश्यकता पर भी अब काम किया जा रहा है। डा. गोयल को इन सभी व्यवस्थाओं के लिए सचेत रहते हुए भविष्य के संकट से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाने थी, लेकिन वे काम नहीं कर सके। वहीं,


त्रिपाठी को तेजतर्रार अधि‍कारी माना जाता है। उनकी छवि नतीजे देने वाले अधि‍कारी की है। संकट व्यापक होने के चलते सरकार ने उन्हें स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं सुधारने की जिम्मेदारी सौंपी है। कुछ और


अधि‍कारी भी कार्रवाई की जद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमण की दर कम करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर सक्रिय हैं। वे इस मामले में आवश्यकताओं की अनदेखी करने वाले


अ;घिळर्-ऊि्‌झ।कारियों की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। गंभीर संकट के बीच राहत के उपाय करने की जगह चलताऊ बयान देने वाले अधि‍कारी भी निशाने पर हैं। स्वास्थ्य विभाग के और बड़े अधि‍कार‍ियों की भी


छुट्टी की जा सकती है। मालूम हो, आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की खबरें आते ही हाल ही में पी. नरहरि को नियंत्रण खाद्य व औषधि‍ प्रशासन व आयुक्त खाद्य सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था।


इससे पहले यह जिम्मेदारी भी डा. गोयल के पास बतौर अतिरिक्त प्रभार थी। सुलेमान को अभयदान वहीं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को सरकार ने अभयदान दे दिया। माना जा रहा था


महामारी की पूर्व तैयारियां नहीं करने के लिए सुलेमान भी बराबरी से जिम्मेदार हैं।