Tejashwi yadav son name: लालू यादव ने पोते का रखा यूनिक नेम, जानें क्या है इसका मतलब

Tejashwi yadav son name: लालू यादव ने पोते का रखा यूनिक नेम, जानें क्या है इसका मतलब

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TEJASHWI YADAV SON NAME: बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है.  बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार पिता बने. उनकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है. इस


शुभ अवसर पर तेजस्वी यादव ने ‘जय हनुमान’ लिखकर अपने पुत्र के जन्म की सूचना साझा की, जिससे यह संकेत मिला कि पुत्र का जन्म मंगलवार, यानी हनुमान जी के दिन हुआ है. वहीं उनके जन्म के बाद से ही


लालू प्रसाद यादव भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. हों भी क्यों न उन्हें तेजस्वी के बेटे के रूप में उत्तराधिकारी जो मिल गया है. यही नहीं लालू यादव ने अपने पोते का एक अनूठा नाम भी रखा है. खास बात यह


है कि अब इस नाम की चर्चाएं हो रही हैं. आइए जानते हैं क्या है नाम और क्या है इसका मतलब.  Advertisment नामकरण का जिम्मा लिया लालू प्रसाद ने परिवार के इस नए सदस्य का नामकरण तेजस्वी के पिता और


राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने किया. उन्होंने अपने पोते का नाम "इराज लालू यादव" रखा है. इस नाम को सुनते ही सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चाओं


का दौर शुरू हो गया. ‘इराज’ एक सांस्कृतिक और भाषाई प्रतीक ‘इराज’ शब्द भले ही आम बोलचाल में कम सुना गया हो, लेकिन यह संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है – फूल, प्रसन्नता, कमल या जलज.


यही नहीं, यह हनुमान जी का एक रूप भी माना जाता है और इसे कामदेव का एक अवतार भी कहा गया है. इस दृष्टिकोण से यह नाम न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक गहराई भी रखता है. राजनीतिक प्रतीकों का गहरा


संदेश नाम में जोड़कर ‘लालू’ को शामिल करना भी एक बड़ा राजनीतिक संकेत है. दक्षिण-पश्चिम भारत में अक्सर बच्चे के नाम के साथ पिता या दादा का नाम जुड़ता है, जिससे वंश की पहचान बनी रहती है.


तेजस्वी ने भी यही पद्धति अपनाकर इराज के उत्तराधिकारी होने का स्पष्ट संकेत दिया है. यह कदम भविष्य में यादव परिवार की राजनीतिक विरासत को लेकर एक सहज संदेश भी देता है. राजद का सामाजिक आधार और


नाम पर चर्चाएं दरअसल ‘इराज’ शब्द बोलने में उर्दू या अरबी शब्द जैसा प्रतीत होता है, कुछ लोग इसे मुस्लिम समुदाय से जोड़कर देख रहे हैं, हालांकि यह संस्कृत मूल का शब्द है, लेकिन नाम चयन में यह


राजनीतिक चतुराई मानी जा सकती है. राजद का पारंपरिक जनाधार यादवों के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय में भी गहरा है. ऐसे में यह नाम धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समावेश का संकेत भी बनता है.  यह भी पढ़ें -


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