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सोशल मीडिया पर एक सवाल अक्सर लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है, क्या मरने के बाद आत्मा कहीं जाती है? अगर जाती है, तो कहां जाती है? इस सवाल के जवाब में अलग-अलग विचारधाराओं और मान्यताओं में
विविधता दिखाई देती है. कोई धार्मिक दृष्टिकोण से इसे समझाता है, तो कोई वैज्ञानिक आधार पर. Advertisment धार्मिक मान्यता क्या कहती है? हिंदू धर्म के अनुसार, मृत्यु केवल एक देह का त्याग है,
आत्मा अमर होती है. शरीर नश्वर है, लेकिन आत्मा पुनर्जन्म के चक्र से गुजरती है. कर्म के आधार पर आत्मा को नया जीवन मिलता है या वह मोक्ष को प्राप्त कर लेती है. गरुड़ पुराण जैसे शास्त्रों में
उल्लेख है कि मृत्यु के बाद आत्मा यमलोक की यात्रा करती है, जहां उसके कर्मों का लेखा-जोखा होता है. इस्लाम में यह मान्यता है कि मौत के बाद आत्मा को ‘बरज़ख’ नामक एक मध्यवर्ती स्थान पर रखा जाता
है, जहां वह क़यामत तक इंतजार करती है. फिर उसे जन्नत या जहन्नम में भेजा जाता है. ईसाई धर्म के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा सीधे ईश्वर के न्यायालय में पहुंचती है और वहां से उसे स्वर्ग या नर्क
में भेजा जाता है. आत्माओं को लेकर साइंस क्या है सीन? विज्ञान के पास फिलहाल आत्मा के अस्तित्व का कोई ठोस प्रमाण नहीं है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इंसान के मरने के बाद मस्तिष्क की गतिविधि बंद
हो जाती है, जिससे चेतना समाप्त हो जाती है. आत्मा को एक धार्मिक या दार्शनिक धारणा के रूप में देखा जाता है, न कि वैज्ञानिक तथ्य के रूप में. लोक मान्यताएं और अनुभव ग्रामीण भारत हो या पहाड़ी
इलाके, वहां अक्सर यह सुनने को मिलता है कि आत्माएं आसपास भटकती हैं, विशेष रूप से उन लोगों की जो अचानक या अप्राकृतिक तरीके से मरे हों. कुछ लोग यह भी दावा करते हैं कि उन्होंने आत्माओं की
उपस्थिति महसूस की है या सपनों में उन्हें देखा है. मृत्यु के बाद आत्मा कहां जाती है, इसका कोई एकमात्र उत्तर नहीं है. यह सवाल विज्ञान, आस्था और अनुभव तीनों के बीच झूलता रहता है. शायद यह मानव
जीवन का सबसे बड़ा रहस्य है, जो आने वाले समय में भी चर्चा का विषय बना रहेगा. ये भी पढ़ें- क्या गिद्ध हैं अभी जिंदा, सोशल मीडिया पर छिड़ी बड़ी बहस, आपको भी नहीं पता है ना जवाब?