सिंधु जल संधि के स्थगित होने से परेशान पाकिस्तान, शहबाज बोले- हम भारत को इसकी इजाजत नहीं देंगे

सिंधु जल संधि के स्थगित होने से परेशान पाकिस्तान, शहबाज बोले- हम भारत को इसकी इजाजत नहीं देंगे

Play all audios:

Loading...

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि भारत को पाक सिंधु जल संधि को स्थगित रखकर "रेड लाइन क्रॉस करने" की अनुमति नहीं देगा. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने शरीफ


के हवाले से कहा, "सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध फैसला बेहद खेदजनक है." शहबाज ने कहा, "संकीर्ण


राजनीतिक लाभ के लिए लाखों लोगों की जान को बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए और पाकिस्तान इसकी अनुमति नहीं देगा. हम कभी भी रेड लाइन क्रॉस नहीं होने देंगे." Advertisment शहबाज की यह टिप्पणी


पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की ओर से भारत को चेतावनी जारी करने के एक दिन बाद आई है. इसमें मनीर ने कहा ​था कि "पानी पाकिस्तान की लाल रेखा है" और इस्लामाबाद किसी भी समझौते की


इजाजत नहीं देगा. सिंधु जल संधि का निलंबन भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद अप्रैल में सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. नई दिल्ली ने कहा कि जब तक


पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद नहीं कर देता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी. विश्व बैंक की ओर से मध्यस्थता 1960 में की गई थी.  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत


की नदियों से पानी नहीं मिलेगा और "भारतीयों के खून से खेलना" इस्लामाबाद को महंगा पड़ेगा. यह भारत का संकल्प है और दुनिया में कोई भी हमें इस प्रतिबद्धता से नहीं रोक सकता." भारत


ने पाकिस्तान पर सिंधु जल संधि पर गलत सूचना फैलाने का भी आरोप लगाया है. सीमा पार आतंकवाद के बावजूद जिम्मेदार जल प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. 20 हजार से अधिक भारतीय अपनी जान


गंवा चुके हैं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने बीते सप्ताह कहा था, "पाकिस्तान ने भारत  पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके संधि की भावना का उल्लंघन


किया है. बीते चार दशकों में आतंकी हमलों में 20 हजार से अधिक भारतीय अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें से सबसे हालिया हमला बीते माह पहलगाम में पर्यटकों पर किया गया. एक नृशंस आतंकी हमला था. भारत


ने इस दौरान असाधारण धैर्य और उदारता दिखाई है."