8 हेक्टेयर खेत में पटवारी को नजर आई मेड ही मेड, 5 हेक्टेयर लिखी फसल, आग से 8 लाख का नुकसान, मदद मिलेगी सिर्फ 1 लाख | patwari saw the maid in 8 hectare field

8 हेक्टेयर खेत में पटवारी को नजर आई मेड ही मेड, 5 हेक्टेयर लिखी फसल, आग से 8 लाख का नुकसान, मदद मिलेगी सिर्फ 1 लाख | patwari saw the maid in 8 hectare field

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3 किलोमीटर आधे घंटे में पहुंची बिग्रेड शहर के पन्ना रोड पर गांधी आश्रम की 20 एकड़ जमीन पर 29 मार्च की शाम बिजली के तारों के आंधी में टकराने से शॉर्ट सर्किट की चिंगारी से आग लग गई। फायर बिग्रेड को सूचना दी गई। लेकिन फायर बिग्रेड 3 किलोमीटर दूर खेत पर आधे घंटे में पहुंची। तब तक 20 में से 10 एकड़ कटी फसल व 10 एकड़ खड़ी फसल जल गई। हालांकि बाद में बारिश हुई। जिससे जली फसल का धुआं शांत हो गया। फिर फायर बिग्रेड पहुंची, जिसने खेत के मेड़ो पर लगे पेड़ों की आग बुझाई। इसी तरह घुवारा तहसील के डोंगरपुर मौजा में 30 एकड़ में लगी फसल जलकर नष्ट हो गई। घटना की खबर लगने के बाद दमकल मौके पर पहुंची तब तक खेत में खड़ी फसल आग में स्वाहा हो चुकी थी। इसके अलावा चंदला, हरपालपुर, राजनगर इलाके में आग से अलग-अलग जगह करीब 50 एकड़ फसल जलकर खाक हो चुकी है। जिले में अब तक 100 एकड़ की फसल जली गर्मी बढऩे के साथ ही खेतों में रखी या खड़ी पकी फसलों में आग की घटनाएं होने लगी हैं। जिले में अब तक दो बड़ी घटनाओं के अलावा छोटी-छोटी घटनाओं में अब तक करीब 100 एकड़ की फसल जलकर खाक हो चुकी है। किसानों की छह महीने की अथक मेहनत, लागत पर आग ने पानी फेर दिया है। इस आग को बुझाने के लिए फायर बिग्रेड का पानी पहुंचने में देरी भी एक बड़ी वजह है। आग फैलने की रफ्तार की तुलना में फायर बिग्रेड के पहुंचने के सयम में काफी अंतर होने से फायर बिग्रेड केवल जलकर खाक हुई फसल का धुआं ही खत्म करने के काम आ रही है। दोबारा पानी लेने जाना पड़ता है फायर बिग्रेड में जितने भी फंक्शन हैं, उनका इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों को प्रशिक्षण नहीं होने से उन्हें मशीन के फंक्शन की सीमित जानकारी है। आग्निकांड़ से पीडि़त उदयपुरा के किसान रामकुमार सक्सेना ने बताया कि, आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड मशीन तो आती है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या पानी की रहती है, एक बार मशीन का पानी खत्म होने के बाद जब तक मशीन दोबारा पानी लेने जाती है,तब तक आग बेकाबू हो जाती है और फिर आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। मशीन पर कार्यरत स्टाफ को सक्शन पंप का इस्तेमाल करना ही नहीं आता है। इस फंक्शन से आसपास के जलस्त्रोत से मशीन में पानी भरा जा सकता है, इससे पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे आग पर काबू पाने में आसानी होगी। फैक्ट फाइल नगरपालिका में दमकल नगर पालिका वाहन छतरपुर 2 नौगांव 2 महाराजपुर 2 नगर परिषद में दमकल हरपालपुर 1 गढ़ीमलहरा 1 बारीगढ़ 1 लवकुशनगर 2 चंदला 1 खजुराहो 1 राजनगर 1 सटई 1 बिजावर 1 बड़ामलहरा 2 घुवारा 1 बकस्वाहा 1 इनका कहना है राजस्व टीम अपने स्तर पर आग से नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। पूरे जिले की डिटेल अभी नहीं आई है। राजस्व पुस्तक परिपत्र के मुताबिक 100 फीसदी नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपए मुआवजा का प्रावधान है। आदित्य सोनकिया, एसएलआर

3 किलोमीटर आधे घंटे में पहुंची बिग्रेड शहर के पन्ना रोड पर गांधी आश्रम की 20 एकड़ जमीन पर 29 मार्च की शाम बिजली के तारों के आंधी में टकराने से शॉर्ट सर्किट की चिंगारी से आग लग गई। फायर


बिग्रेड को सूचना दी गई। लेकिन फायर बिग्रेड 3 किलोमीटर दूर खेत पर आधे घंटे में पहुंची। तब तक 20 में से 10 एकड़ कटी फसल व 10 एकड़ खड़ी फसल जल गई। हालांकि बाद में बारिश हुई। जिससे जली फसल का


धुआं शांत हो गया। फिर फायर बिग्रेड पहुंची, जिसने खेत के मेड़ो पर लगे पेड़ों की आग बुझाई। इसी तरह घुवारा तहसील के डोंगरपुर मौजा में 30 एकड़ में लगी फसल जलकर नष्ट हो गई। घटना की खबर लगने के


बाद दमकल मौके पर पहुंची तब तक खेत में खड़ी फसल आग में स्वाहा हो चुकी थी। इसके अलावा चंदला, हरपालपुर, राजनगर इलाके में आग से अलग-अलग जगह करीब 50 एकड़ फसल जलकर खाक हो चुकी है। जिले में अब तक


100 एकड़ की फसल जली गर्मी बढऩे के साथ ही खेतों में रखी या खड़ी पकी फसलों में आग की घटनाएं होने लगी हैं। जिले में अब तक दो बड़ी घटनाओं के अलावा छोटी-छोटी घटनाओं में अब तक करीब 100 एकड़ की फसल


जलकर खाक हो चुकी है। किसानों की छह महीने की अथक मेहनत, लागत पर आग ने पानी फेर दिया है। इस आग को बुझाने के लिए फायर बिग्रेड का पानी पहुंचने में देरी भी एक बड़ी वजह है। आग फैलने की रफ्तार की


तुलना में फायर बिग्रेड के पहुंचने के सयम में काफी अंतर होने से फायर बिग्रेड केवल जलकर खाक हुई फसल का धुआं ही खत्म करने के काम आ रही है। दोबारा पानी लेने जाना पड़ता है फायर बिग्रेड में जितने


भी फंक्शन हैं, उनका इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों को प्रशिक्षण नहीं होने से उन्हें मशीन के फंक्शन की सीमित जानकारी है। आग्निकांड़ से पीडि़त उदयपुरा के किसान रामकुमार सक्सेना ने


बताया कि, आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड मशीन तो आती है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या पानी की रहती है, एक बार मशीन का पानी खत्म होने के बाद जब तक मशीन दोबारा पानी लेने जाती है,तब तक आग बेकाबू हो


जाती है और फिर आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। मशीन पर कार्यरत स्टाफ को सक्शन पंप का इस्तेमाल करना ही नहीं आता है। इस फंक्शन से आसपास के जलस्त्रोत से मशीन में पानी भरा जा सकता है, इससे


पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे आग पर काबू पाने में आसानी होगी। फैक्ट फाइल नगरपालिका में दमकल नगर पालिका वाहन छतरपुर 2 नौगांव 2 महाराजपुर 2 नगर परिषद में दमकल हरपालपुर 1 गढ़ीमलहरा 1


बारीगढ़ 1 लवकुशनगर 2 चंदला 1 खजुराहो 1 राजनगर 1 सटई 1 बिजावर 1 बड़ामलहरा 2 घुवारा 1 बकस्वाहा 1 इनका कहना है राजस्व टीम अपने स्तर पर आग से नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। पूरे जिले की


डिटेल अभी नहीं आई है। राजस्व पुस्तक परिपत्र के मुताबिक 100 फीसदी नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपए मुआवजा का प्रावधान है। आदित्य सोनकिया, एसएलआर