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वेतनभोगी, प्रोफेशनल, व्यापारी और किराए से आमदनी जैसी कई श्रेणियों में आय पर रिटर्न के साथ कर जमा करना होता है। इसमें वे करदाता शामिल नहीं हैं जिनका ऑडिट होता है। इस माह के अंत तक वित्तीय
वर्ष 2021-22 और कर निर्धारण वर्ष 2022-23 की आयकर विवरणी को करदाताओं को जमा करना है। इसके लिए आयकर विभाग भी लगातार करदाताओं को ईमेल भेजकर सतर्क कर रहा है। प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय जबलपुर
के अंतर्गत 5 लाख से ज्यादा करदाता पंजीकृत हैं। इनमें अकेले जबलपुर में ही डेढ़ लाख से ज्यादा करदाता है। सूत्रों ने बताया कि इसमें करीब 60 प्रतिशत ऐसे हैं जो कि जुलाई के अंत में अपनी रिटर्न
फाइल करते हैं। इसमें ज्यादातर ऐसे हैं जो कि वेतनभोगी और व्यापारी हैं। लेकिन अभी अधिकतर करदाताओं ने अपनी आय से संबंधित जानकारी के लिए रिटर्न जमा ही नहीं की। कई तरह के होते हैं नुकसान टैक्स
एडवोकेट शिशिर नेमा के अनुसार तय तिथि से पहले आयकर रिटर्न जमा करने के कई फायदे करदाताओं को होते हैं। जैसे कि वह रिटर्न में संशोधन भी करवा सकता है। रिवाइज रिटर्न दिसंबर तक जमा की जा सकती है।
पेनल्टी से बचा जा सकता है। क्योकि लेट होने पर टैक्स पर ब्याज और पेनल्टी लगती है। यदि आय ढाई से पांच लाख तक है तो एक हजार यदि आय पांच लाख से ज्यादा है तो उसे 5 हजार की पेनल्टी लगती है। यही
नहीं व्यवसाय में हुए नुकसान को अगले वर्ष के मुनाफे में समायोजित करना चाहता है तो वह नहीं हो पाता है। उसे कैरीफार्वड की सुविधा नहीं मिलती।