कोरोना काल में गिर गई जूते-चप्पल की सेल

कोरोना काल में गिर गई जूते-चप्पल की सेल

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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Sat, 03 Oct 2020 13:48:07 (IST) 3500 से अधिक है जिले में जूता-चप्पल की दुकानें 40 हजार के करीब इस कारोबार से जुडे हैं लोग 01 लाख रुपए से अधिक का रेंट है सिविल


लाइंस में दुकान की 03 महीने तक का रेंट एडवांस मनी सिक्योरिटी के रूप में है जमा सिविल लाइंस एरिया में कोई दुकानदार नहीं बंद करना चाहता दुकान सिटी की मेन जगह पर दुकान हेने से मालिक मजबूरन जेब


से भर रहे रेंट का पैसा पुराने स्टॉक से ज्यादातर दुकानदार चला रहे काम, नया नहीं किया ऑर्डर दुकानदारों के सर्वे में सामने आया कि कोरोना संकट के कारण ऑनलाइन शूज की खरीदारी में हुई है बढ़ोतरी


-बिक्री न होने से मालिक परेशान, स्कूल शूज की मार्केट हुई खराब -दुकानों और गोदाम में रखे पुराने स्टॉक के शूज हो रहे खराब PRAYAGRAJ: सुबह से शाम हो जा रही है। मगर दो-चार जोड़ी जूता-चप्पल बेचने


में दुकानदारों के पसीने छूट जा रहे हैं। बिजनेस अनलॉक होने के बावजूद इनकम लॉक है। दुकान का किराया, स्टाफ की सैलरी व मेटेनेंस खर्च का तक निकालना मुश्किल हो रहा है। इसको लेकर तमाम दुकानदार


काफी परेशान हैं। इस बीच कुछ दुकानदार मेन लोकेशन पर दुकान होने के नाते किसी तरह अपनी जेब से किराया भर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि नवरात्र के बाद सेल में उछाल जरूर आएगा। बीस परसेंट भी नहीं हो


रही सेल जूता-चप्पल के बिजनेस करने वाले व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले के तुलना बीस प्रतिशत भी सेल नहीं हो पा रही है। दुकानदारी डाउन होने से ज्यादातर दुकानदारों ने स्टाफ तक कम कर


दिया है। यहीं नहीं सुबह से शाम तक इक्का-दुक्का कस्टमर के आने पर दुकानों की लाइट व एसी तक बंद करके रखा जा रहा है। ताकि बिजली का बिल ज्यादा न आए। कुछ दुकानदारों ने बताया कि जो पुराने माल दुकान


व गोदाम में रखे गए हैं, अब धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। इसका नुकसान भी दुकानदारों को ही झेलना पड़ेगा। स्कूल बंद ने भी डाला असर जिले के अंदर खुले जूता-चप्पल के दुकानदार मालिक बताते हैं कि


स्कूल ओपन टाइम पर स्कूल शूज बिकने पर तमाम चीजों का खर्च निकल जाता था। डेली आठ-दस जोड़ी स्कूल शूज एक दुकानदार बेच देता था। लेकिन अब कुल मिलाकर दो-चार जोड़ी जूता-चप्पल में बेचने में पसीना छू


जा रहा है। सिर्फ बीस परसेंट सेल रह गई है। इस बीस परसेंट में भी खरीददारी करने वाले लोग हवाई चप्पल के हैं। स्कूल शूज का बिजनेस जीरो है। स्पो‌र्ट्स शूज व फैंसी जूते-चप्पल की सेल पांच से दस


परसेंट की है। नवरात्र बाद दुकानदारी में उछाल आने की उम्मीद है। -मोहित चोपड़ा, सिविल लाइंस चोपड़ा शूज स्पो‌र्ट्स शूज ज्यादा दिनों तक रखा जाता है तो खराब होने लगता है। एक स्पो‌र्ट्स शूज कुछ


दिन पहले बेचा गया। दो दिन बाद कस्टमर शूज वापस कर गया। क्योंकि उसका सोल व रबर साइड से निकल रहा था। ट्रांसपोर्ट का चार्ज बढ़ गया है। -रणबीर सिंह, इंडस कारपोरेशन स्पो‌र्ट्स एंड शूज कोरोना के


साथ सड़कों पर से गाड़ी उठाने वाले ट्रैफिक व नगर निगम ने भी बिजनेस चौपट किया है। कोई भी कस्टमर दुकान के सामने गाड़ी जैसे ही खड़ा करता है। वैसे ही उसकी गाड़ी उठ ले जाते हैं। इस कारण भी बहुत से


कस्टमर कम हुये हैं। -अमरेश गुप्ता, संजय इंटरप्राइजेज