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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Sun, 09 Oct 2016 07:41:09 (IST) बाल कल्याण समिति कोर्ट के आदेश पर नवजात को बाल शिशु गृह भेजा चाइल्ड लाइन की देखरेख में रवानगी, बच्चा वार्ड में स्टाफ हुई रुआंसी
BAREILLY: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में लोगों का चहेता बने नवजात झुमरू को रामपुर शिफ्ट कर दिया गया। हॉस्पिटल से झुमरू के विदा होते ही नर्सेज व अन्य स्टाफ रूआंसे हो गए। बाल कल्याण
समिति की कोर्ट के आदेश पर झुमरू को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से रामपुर स्थित बाल शिशु गृह भेज दिया गया। सैटरडे को चाइल्ड लाइन की टीम व पुलिस की कस्टडी में बीमार झुमरू को ले जाया गया। कस्टडी देने
की कवायद 27 सितंबर को प्रेमनगर के भूड़ एरिया में कूड़े के ढेर पर नवजात मिला था, जिसे एक शख्स ने बच्चा वार्ड पहुंचाया था। वार्ड की सिस्टर, नर्सेज व सपोर्टिग स्टाफ ने बड़े प्यार से नवजात का
नाम 'प्रणव' रखा। लेकिन लाड-दुलार में उसे झुमरू पुकारने लगे। पूर्व सीएमएस डॉ। परवीन जहां की ओर से 28 सितंबर को बच्चे के स्वस्थ होने की जानकारी दी गई थी। जिसके बाद बाल कल्याण समिति
की अध्यक्ष डॉ। शीला सिंह व अन्य सदस्यों की मंजूरी के बाद बरेली चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर को लेटर भेज नवजात को रामपुर बाल शिशु गृह भेजने के निर्देश दिए गए। जिससे कि नवजात को गोद लेने के इच्छुक
दंपत्तियों को कस्टडी सौंपने की कवायद शुरू हो सके। बहुत बीमार है झुमरू सैटरडे को दोपहर 12 बजे चाइल्ड लाइन के गजेन्द्र गंगवार व रमनजीत के साथ प्रेमनगर थाना की महिला सिपाही निर्मला यादव
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। चाइल्ड लाइन टीम ने बाल कल्याण समिति की कोर्ट के आदेश सीएमएस डॉ। केएस गुप्ता को दिखाए। जिसके बाद मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ। कर्मेन्द्र की निगरानी में नवजात को भेजने
की कार्यवाही शुरू हुई। हालांकि जिस किशोर न्याय अधिनियम 2015 और 2004 व 2007 की संबंधित नियमावली के तहत नवजात को स्वस्थ होने की शर्त पर बाल शिशु गृह भेजा गया व फॉलो नहीं हुए। दरअसल नवजात की दो
दिन पहले ही सिर की माइनर सर्जरी हुई थी। वहीं बच्चा वार्ड के स्टाफ के मुताबिक दो दिन से नवजात को बुखार था और उसे लूज मोशन भी थे। ---------------------------