Numerology prediction: कैसे होते हैं अंक 1 वाले लोग? जानें उनसे जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें - numerology prediction know digit one personality, career & all about him

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Numerology Prediction अंक ज्योतिष के आधार हम लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। अंक 1 से लेकर अंक 9 तक के लोगों का व्यक्ति अलग अलग होता है। उनके शुभ दिन तारीख और पेशा भी अलग होता


है। By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Wed, 23 Dec 2020 02:30 PM (IST) NUMEROLOGY PREDICTION: अंक ज्योतिष के आधार हम लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। अंक 1 से लेकर अंक 9 तक के


लोगों का व्यक्ति अलग अलग होता है। उनके शुभ दिन, तारीख और पेशा भी अलग होता है। जागरण अध्यात्म में आज हम ज्योतिषाचार्य पंडित विजय त्रिपाठी 'विजय' से जानते हैं ​कि अंक 1 वाले जातक


कैसे होते हैं। उनका पेशा, गुण क्या होता है। आइए पढ़ते हैं अंक 1 वाले जातकों के बारे में। कौन होते हैं अंक 1 वालेजिन लोगों का जन्म किसी भी माह की 1, 10, 19 और 28 तारीख को हुआ है, वे लोग अंक


01 वाले जातक होते हैं। इनका स्वामा ग्रह सूर्य होता है।  अंक 1 और उनका चरित्रआपका व्यक्तित्व दया भावना से पूर्ण है। आप में सहयोग की भावना विशेष रूप से होती है। अधिक उन्नत और सभ्य जीवन जीने की


इच्छा आप में बराबर बनी रहती है। आपके सामने एक उद्देश्य होता है और उस उद्देश्य की पूर्ति ही आपका लक्ष्य होता है। अंक एक, ज्ञान और आनन्द की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है, जितने भी उत्तेजक और


संवेदनाजन्य आवेग हैं, उनका यह प्रधान केन्द्र है। बाहरी आनन्ददायक वस्तुओं के द्वारा यह क्रियाशील होता है और पूर्व की आनन्ददायक अनुभवों की स्मृतियों को जागृत करता है। वांछित वस्तु की प्राप्ति


तथा उन वस्तुओं की प्राप्ति के उपायों के कारणों की क्रिया का प्रधान उद्गम इसी से होता है। यह प्रधान रूप से इच्छाओं का प्रतीक है। यह बाहरी सिर-खोपड़ी, नाक एवं गाल का प्रतीक है। इसके द्वारा


संक्रामक रोग, घाव, खरोंच, आॅपरेशन, रक्तदोष, दर्द आदि अभिव्यक्त होते हैं। पित्त, मज्जा, पुट्ठों की पुष्टता, शक्ति, रोग अग्नि (उष्णता), रूक्ष, दाहक, नाक, कपाल, स्नायुबन्ध, जननेन्द्रिय के बाहरी


भाग पर प्रभाव डालता है। पेशायह सैनिक, डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर, रासायनिक, नाई, बढ़ई, लुहार, मशीन का कार्य करने वाला, मकान बनाने वाला, खेल एवं खेल के सामान आदि का प्रतिनिधित्व करता है। यह


साहस, बहादुरी, दृढ़ता, धैर्य-भाव, आत्मविश्वास, क्रोध, लड़ाकू-प्रवृत्ति एवं प्रभुत्व प्रभृति भावों और विचारों का प्रतिनिधि है।व्यक्तित्व के प्रधान लक्षणआपका व्यक्तित्व ठोस होने के कारण आप पर


सामान्यतः कोई कीचड़ नहीं उछाल सकता। लोभ, लालच तथा क्षुद्र भावनाओं से आप दूर रहते हैं। शान्तिपूर्वक जीवन जीना आपको प्रिय है। संकट काल में आपके व्यक्तित्व में विशेष निखार आ जाता है।  सक्रिय


जीवनआपको मित्रों की तरफ से पूरा-पूरा सहयोग मिलता है। आपके साथ जिस किसी का भी एक बार सम्पर्क जुड़ जाता है, वह टूटता नहीं है। आप जनहिताय कार्य में विशेष रूचि रखते हैं।मानसिक सन्तुलनआप नित्य


नवीन कल्पनाएं करते रहते हैं। यात्रा करने का आपको विशेष शौक है। आपका जीवन गतिशील है। समय के साथ-साथ कदम बढ़ाकर चलने की आप में क्षमता है। परन्तु कई बार उतावलापन आपका अहित कर बैठता है। कार्य


पद्धतिअव्यवस्था व फूहड़पन से आपको घृणा है। मौलिकता आपका विशेष गुण है। यही आपकी सफलता का रहस्य है। सहयोग व जनसम्पर्क समाज में आपका सम्मान रहता है। आप व्यस्त रहते हुये भी समाज के कार्यों में


रूचि रखते हैं। चलता हुआ माहौल देखकर उसके अनुरूप अपने आपको ढाल लेना आपका विशेष गुण है। जीवन रहस्य प्रत्येक मुसीबत आपको एक कदम ऊँचा उठाती है। हताश होने की अपेक्षा आप निरन्तर अपनी गति से कार्य


करते रहते हैं।जन्मजात प्रवृत्तिनेतृत्व करने एवं उचित मार्गदर्शन करने का आप में जन्मजात गुण है। आप इस गुण को अधिक से अधिक बढ़ाते रहें।आपका आदर्श वाक्यअनुशासित जीवन ही वास्तविक जीवन है और यही


आपके जीवन का मूल मन्त्र है। आदर्श जीवन के लिए अपने आपको खपा देना आपका मूल उद्देश्य है। महत्वपूर्ण तारीखें1, 10, 19, 28, ये तारीखें आपके जीवन में अत्यन्त महत्वपूर्ण और लाभदायक होती हैं। शुभ


वर्ष1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, व 73वाँ वर्ष आपके जीवन के उल्लेखनीय वर्ष होंगे। शुभ दिवससप्ताह के सात वारों में रविवार, मंगलवार, गुरूवार आपके लिए सर्वाधिक शुभ है। पूर्णिमा व चतुर्थी का


व्रत चिन्ता को दूर करने वाला व कल्याणकारी होता है।  अशुभ तारीखें 7, 16, 25, ये तारीखें साधारणतया आपके लिए अशुभ होती हैं। अशुभ वर्ष7, 16, 25, 34, 43, 52, 61, 70 आदि के सभी वर्ष जिनका योग सात


होता है, आपके लिए अनुकूल नहीं कहे जा सकते हैं। मन्त्रकिसी प्रकार की परेशानी या संकट में निम्न मन्त्र का जप करें।ओम् हुँ श्रीं मंगलाय नमः।।