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केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र की निर्माण कंपनी एनबीसीसी इंडिया में अपनी 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को बुधवार (13 जुलाई) मंजूरी दे दी। इससे सरकारी खजाने को 1,706 करोड़ रुपए मिलने की
उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में एनबीसीसी में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचे जाने का फैसला किया गया। सरकार की
कंपनी में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण 14,274 करोड़ रुपए है। सीसीईए की बैठक के बाद कानून एवं आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार को इस विनिवेश से
1,706 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। लेकिन यह केवल अनुमान है।’ वास्तविक राशि बाजार की स्थिति और विनिवेश में निवेशकों की रूचि पर निर्भर करेगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार एनबीसी के कर्मचारियों
को कंपनी से जोड़ने के लिए पात्र और इच्छुक कर्मचारियों को अतिरिक्त शेयर बिक्री पेशकश के लिए निर्धारित मूल्य से 5.0 प्रतिशत छूट पर देने का भी फैसला किया है। एनबीसीसी 2012 में सूचीबद्ध हुई। उस
समय सरकार ने 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 124.97 करोड़ रुपए जुटाए थे। इससे पहले, इस वर्ष मई में कंपनी ने 10-10 रुपए के शेयर को दो-दो रुपए के पांच शेयर में बांटने का फैसला किया था। सरकार ने
वित्त वर्ष 2016-17 में विनिवेश से 56,500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।